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खाटू वाले श्याम धणी को, हैलो आयो है(Khatu Wale Shyam Dhani Ko Helo Aayo Hai)

खाटू वाले श्याम धणी को, हैलो आयो है(Khatu Wale Shyam Dhani Ko Helo Aayo Hai)

खाटू चालों खाटू चालों,

खाटू वाले श्याम धणी को,

हैलो आयो है,

रंग रंगिलों फागणिये को,

मेलो आयो है,

खाटू चालों खाटू चालों ॥


जगह जगह से,

प्रेमियाँ की टोली आवे है,

नाच झूम के बाबा ने,

निशान चढ़ावें है,

चाव घणों है सब भक्ता को,

मन हर्षायो है,

रंग रंगिलों फागणिये को,

मेलो आयो है,

खाटू चालों खाटू चालों ॥


रंग अबीर उड़ावे सगला,

उधम मचावे है,

जोर जोर से श्याम की,

जय जयकार लगावे है,

भक्ता को खाटू नगरी,

में रेलो आयों है,

रंग रंगिलों फागणिये को,

मेलो आयो है,

खाटू चालों खाटू चालों ॥


फागणिये में रंग रसिया को,

खूब सजे दरबार,

मांगणिये का भरे खजाना,

श्याम धनी दातार,

‘गोलू’ के मन की मत पूछो,

आनंद छायों है,

रंग रंगिलों फागणिये को,

मेलो आयो है,

खाटू चालों खाटू चालों ॥


खाटू चालों खाटू चालों,

खाटू वाले श्याम धणी को,

हैलो आयो है,

रंग रंगिलों फागणिये को,

मेलो आयो है,

खाटू चालों खाटू चालों ॥

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मासिक दुर्गाष्टमी पूजा विधि

मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। सनातन धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का एक विशेष महत्व है, यह दिन मां दुर्गा की पूजा-अर्चना का होता है।

मासिक दुर्गाष्टमी उपाय

मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। सनातन धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का एक विशेष महत्व है, यह दिन मां दुर्गा की पूजा-अर्चना का होता है।

हरिहर की पूजा कैसे करें?

सनातन धर्म में हरिहर में हरि से आश्य है भगवान विष्णु और हर यानी कि भगवान शिव। दोनों एक दूसरे के आराध्य हैं। इनकी पूजा करने से व्यक्ति का भाग्योदय होता है और जातकों को उत्तम परिणाम मिलते हैं।

वैकुंठ एकादशी पूजा विधि

वैकुंठ एकादशी को सनातन धर्म में बेहद शुभ माना गया है। इसे मुक्कोटी एकादशी, पुत्रदा एकादशी और स्‍वर्ग वथिल एकादशी भी कहते हैं। ऐसी मान्‍यता है कि यह एकादशी व्रत करने से वैकुंठ के द्वार खुलते हैं।

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