खबर मेरी ले लेना, उज्जैन के महाकाल(Khabar Meri Le Lena Ujjain Ke Mahakal)

खबर मेरी ले लेना,

उज्जैन के महाकाल ॥


ऊँचा है नाम बाबा ऊँची है महिमा,

संग विराजे हरसिद्धि मैया,

हमें दे दो किरपा का तुम दान,

खबर मोरी ले लेना,

उज्जैन के महाकाल ॥


जो लगावे गणपति को अर्जी,

बिगड़ी बना ना बना तेरी मर्जी,

हमें दे दो भक्ति का तुम दान,

खबर मोरी ले लेना,

उज्जैन के महाकाल ॥


जो क्षिप्रा में डुबकी लगावे,

विपत विराल पाप डर भागे,

हमें दे दो मुक्ति का तुम दान,

खबर मोरी ले लेना,

उज्जैन के महाकाल ॥


माँ अन्नपूर्णा मंगल करती,

किरपा करे भंडारे भरती,

गाए महिमा हम तो आज,

खबर मोरी ले लेना,

उज्जैन के महाकाल ॥


खबर मेरी ले लेना,

उज्जैन के महाकाल ॥

........................................................................................................
ना जाने आज क्यो फिर से, तुम्हारी याद आई है (Na Jaane Aaj Kyu Fir Se Tumhari Yaad Aayi Hai)

ना जाने आज क्यों फिर से,
तुम्हारी याद आई है ॥

कब और क्यों मनाई जाती है मौनी अमावस्या?

मौनी अमावस्या हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है जो माघ माह की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन पिंडदान, तर्पण, अन्न और धन का दान, पवित्र नदी में स्नान और मौन व्रत किया जाता है।

प्राण त्यागने से पहले भीष्म ने क्या कहा था?

सनातन धर्म में भीष्म अष्टमी का दिन अत्यंत शुभ माना गया है। यह महाभारत काल से जुड़ा हुआ है, जिसमें अनेक शिक्षाएं निहित हैं। महाप्रतापी योद्धा भीष्म पितामह को इच्छामृत्यु का वरदान प्राप्त था, जिसके कारण वे अपनी इच्छा से प्राण त्याग सकते थे।

थारी जय जो पवन कुमार (Thari Jai Ho Pavan Kumar Balihari Jaun Balaji)

लाल लंगोटो हाथ मे सोटो,
थारी जय जो पवन कुमार,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने