केवट ने कहा रघुराई से,
उतराई ना लूंगा हे भगवन,
उतराई ना लूंगा हे भगवन,
केवट ने कहा रघुराईं से,
उतराई ना लूंगा हे भगवन ॥
मैं नदी नाल का सेवक हूँ,
तुम भवसागर के स्वामी हो,
मैं यहाँ पे पार लगाता हूँ,
तुम वहाँ पे पार लगा देना,
केवट ने कहा रघुराईं से,
उतराई ना लूंगा हे भगवन ॥
तूने अहिल्या को पार लगाया है,
मुझको भी पार लगा देना,
मैं यहाँ पे पार लगाता हूँ,
तुम वहाँ पे पार लगा देना,
केवट ने कहा रघुराईं से,
उतराई ना लूंगा हे भगवन ॥
केवट ने कहा रघुराई से,
उतराई ना लूंगा हे भगवन,
उतराई ना लूंगा हे भगवन,
केवट ने कहा रघुराईं से,
उतराई ना लूंगा हे भगवन ॥
मैं तो अपने श्याम की,
दीवानी बन जाउंगी,
श्यामा आन बसो वृंदावन में,
मेरी उमर बीत गई गोकुल में,
श्यामा आन बसो वृंदावन में,
मेरी उमर बीत गई गोकुल में,
मानो तो मैं गंगा माँ हूँ,
ना मानो तो बहता पानी,