पूछे प्यारी शैलकुमारी
कथा कहिए भोले भण्डारी जी ।
प्रथम सोकारन कहहू बिचारी
निर्गुण ब्रम्हा शगुन बपु धारी
ब्रह्म बन , ब्रह्म बने अवध बिहारी
कथा कहिए भोले भण्डारी जी ।
ब्रह्म बने अवध बिहारी
कथा कहिए भोले भण्डारी जी ।
पूछे प्यारी शैलकुमारी
कथा कहिए भोले भण्डारी जी ।
कहिए कथा प्रभु राम अवतार की
महाकाल कहिए बाल चरित उदार की
कैसे ब्याहे, कैसे ब्याहे जनक दुलारी
कथा कहिए भोले भण्डारी जी ।
कैसे ब्याहे जनक दुलारी
कथा कहिए भोले भण्डारी जी ।
पूछे प्यारी शैलकुमारी
कथा कहिए भोले भण्डारी जी ।
दोष कवन राज रजे मेरे सरकार की
कहिए बनवासी राम चरित अपार की
कैसे दिए, कैसे दिए रावण को मारी
कथा कहिए भोले भण्डारी जी ।
कैसे दिए रावण को मारी
कथा कहिए भोले भण्डारी जी ।
पूछे प्यारी शैलकुमारी
कथा कहिए भोले भण्डारी जी ।
राज रामचन्द्र जी की कहिए ना लीला
मेरे नाथ विश्वनाथ शम्भू सुख शिला
कैसा धाम, कैसे धाम गए हैं खरारी
कथा कहिए भोले भण्डारी जी ।
कैसे धाम गए हैं खरारी
कथा कहिए भोले भण्डारी जी ।
पूछे प्यारी शैलकुमारी
कथा कहिए भोले भण्डारी जी ।
पूछने में छुट गया राजन से जो भी
रखिए ना गोपनीय नाथ उसको भी
शरण में, शरण में आपके शिकारी
कथा कहिए भोले भण्डारी जी ।
शरण में आपके शिकारी
कथा कहिए भोले भण्डारी जी ।
पूछे प्यारी शैलकुमारी
कथा कहिए भोले भण्डारी जी ।
हिंदू धर्म में चंद्र दर्शन का विशेष महत्व है। अमावस्या के बाद जब पहली बार आकाश में चंद्रमा दिखाई देता है, उसी दिन को चंद्र दर्शन कहा जाता है।
हिन्दू पंचांग के अनुसार, परशुराम जयंती वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। यह पर्व भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम के जन्मदिवस के रूप में जाना जाता है।
विष्णु पुराण के अनुसार, भगवान परशुराम, भगवान विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं। उनका जन्म अक्षय तृतीया के दिन हुआ था, जिसे परशुराम जयंती के रूप में मनाया जाता है।
हिन्दू धर्म में भगवान परशुराम प्रमुख और चिरंजीवी यानि अमर देवताओं में से एक माने जाते हैं। उन्हें भगवान विष्णु का छठा अवतार कहा गया है, जिनका धर्म की रक्षा और अधर्म के नाश के लिए अवतार हुआ था।