करो कृपा कुछ ऐसी, तेरे दर आता रहूँ (Karo Kripa Kuchh Aisi, Tere Dar Aata Rahun)

करो कृपा कुछ ऐसी,

तेरे दर आता रहूँ,

तुम रूठो मुझसे भले चाहे,

पर मैं मनाता रहूं,

करों कृपा कुछ ऐसी,

तेरे दर आता रहूँ ॥


जहान में कौन,

मेरे दुःख को समझ पाएगा,

जहान में कौन,

मेरे दुःख को समझ पाएगा,

तू ही हमदर्द है मेरा,

तुझे सुनाता रहूं,

करों कृपा कुछ ऐसी,

तेरे दर आता रहूँ ॥


तेरी चौखट से,

उठ के दूर कहीं जाऊं ना,

तेरी चौखट से,

उठ के दूर कहीं जाऊं ना,

तमाम उम्र तेरे साथ,

मैं बिताता रहूं,

करों कृपा कुछ ऐसी,

तेरे दर आता रहूँ ॥


मेरा अरमान है इतना,

जो तू पूरा कर दे,

मेरा अरमान है इतना,

जो तू पूरा कर दे,

बैठा मेरे सामने हो तू,

और मैं सजाता रहूं,

करों कृपा कुछ ऐसी,

तेरे दर आता रहूँ ॥


‘चित्र विचित्र’ की दीवानगी,

को मत पूछो,

‘चित्र विचित्र’ की दीवानगी,

को मत पूछो,

अपनी हस्ती को बनके पागल,

मैं मिटाता रहूं,

करों कृपा कुछ ऐसी,

तेरे दर आता रहूँ ॥


करो कृपा कुछ ऐसी,

तेरे दर आता रहूँ,

तुम रूठो मुझसे भले चाहे,

पर मैं मनाता रहूं,

करों कृपा कुछ ऐसी,

तेरे दर आता रहूँ ॥


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मेरी बालाजी सुनेंगे फरियाद(Meri Balaji Sunenge Fariyad)

मेरी बालाजी सुनेंगे फरियाद,
बालाजी ज़रूर सुनेंगे,

सतगुरु मैं तेरी पतंग(Satguru Main Teri Patang)

सतगुरु मैं तेरी पतंग,
बाबा मैं तेरी पतंग,

नवंबर के शुभ मुहूर्त

देवशयनी एकादशी से लेकर देव उठनी एकादशी तक हिंदू धर्म में शुभ कार्य बंद रहते हैं। देव उठते ही सभी तरह के मंगल कार्य आरंभ हो जातें हैं।

प्रीत मे पूजे नाम तुम्हारा (Preet Main Puje Naam Tumhara)

प्रीत मे पूजे नाम तुम्हारा,
गणपति जगत खिवैया,

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