कान्हा रे थोडा सा प्यार दे (Kanha Re Thoda Sa Pyar De)

कान्हा रे थोडा सा प्यार दे,

चरणो मे बैठा के तार दे,

ओ गौरी घुंघट उघाड़ दे,

प्रेम की भिक्षा झोली में डाल दे ॥


प्रेम गली में आके गुजरिया,

भूल गई रे घर कि डगरिया,

जब तक साधन, तन, मन, जीवन,

सब तुझे अर्पण, प्यारे सांवरिया, ॥


माया का तुमने रंग ऐसा डाला,

बंधन मे बंध गया बाँधने वाला,

कौन रमापति कैसा ईश्वर,

मैं तो हूँ गोकुल का ग्वाला,

ग्वाला रे थोडा सा प्यार दे,

ग्वालिन का जीवन सवार दे ॥


आत्मा-परमात्मा के,

मिलन का मधु मास है,

यही महा रास है, यही महा रास है

त्रिभुवन का स्वामी, भक्तों का दास है,

यही महा रास है, यही महा रास है,

कृष्ण कमल है, राधे सुवास है,

यही महा रास है, यही महारास है

इसके अवलोकन की युग युग को प्यास है,

यही महारास है, यही महा रास है ॥


कान्हा रे थोड़ा सा प्यार दे,

चरणो मे बैठा के तार दे ॥


तू झूठा, वचन तेरे झूठे,

मुस्का के भोली राधा को लूटे,

मै भी हु सच्चा, वचन मेरे सच्चे,

प्रीत मेरी पक्की, तुमारे मन कच्चे ॥


जैसे तू रखें, वैसे रहूंगी,

दुंगी परीक्षा पीड़ सहुंगी,

स्वर्गों के सुख भी मीठे ना लागे,

तू मिल जाये तो मोक्ष नाही मांगे

कान्हा रे थोडा सा प्यार दे,

चरणो मे बैठा के तार दे ॥


सृष्टि के कण कण मै इसका आभास है,

यही महा रास है, यही महा रास है

हो तारो मै नर्तन, फुलोन मै उल्हास है

यही महारास है, यही महा रास है

मुरली की प्रतीद्वनी, दिशाओ के पास है

यही महारास है, यही महा रास है

हो अध्यात्मिक चेतना का सबमे विकास है

यही महा रास है, यही महा रास है ॥

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हे सरस्वती माँ ज्ञान की देवी किरपा करो(Hey Saraswati Maa Gyan Ki Devi Kirpa Karo)

हे सरस्वती माँ ज्ञान की देवी किरपा करो
देकर वरदान हे मात मेरा अज्ञान हरो

म्हारे सर पर है मैया जी रो हाथ(Mhare Sar Pe Hai Maiyaji Ro Hath)

म्हारे सर पर है मैया जी रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी ॥

शनि प्रदोष व्रत उपाय

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान शिव और शनिदेव के आराधना के लिए समर्पित होता है। शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आने वाले इस व्रत में शिवलिंग की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

ये होगा साल का सबसे छोटा दिन

प्रत्येक साल में एक दिन सबसे छोटा होता है। दरअसल, इस दिन सूर्य धरती के दक्षिणी गोलार्ध में अपने चरम बिंदु पर होता है। ज्योतिष के अनुसार साल के सबसे छोटे दिन तक भगवान सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर चुके होते हैं।

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