कलयुग में शिवयुग आया है,
महादेव ये तेरा रचाया है,
हर भगत ने तुझको पाया है,
महादेव ये तेरा रचाया है ॥
शिव मंदिर में तेरे भगत खड़े,
तेरे नाम की अलख जगाए खड़े,
मूलमंत्र उन्हें अब भाया है,
महादेव ये तेरा रचाया है,
कलयुग में शिवयुग आया हैं,
महादेव ये तेरा रचाया है ॥
पंडालों में भारी भीड़ पड़ी,
शिव कृपा की ऐसी होड़ लगी,
कण कण में शंकर समाया है,
महादेव ये तेरा रचाया है,
कलयुग में शिवयुग आया हैं,
महादेव ये तेरा रचाया है ॥
कलयुग में शिवयुग आया है,
महादेव ये तेरा रचाया है,
हर भगत ने तुझको पाया है,
महादेव ये तेरा रचाया है ॥
नरसिंह जयंती, भगवान विष्णु के चौथे अवतार नरसिंह के प्रकट होने की तिथि है, जो भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए प्रकट हुए थे और दैत्यराज हिरण्यकश्यप का वध किया था।
नरसिंह जयंती भगवान विष्णु के चौथे अवतार, नरसिंह भगवान के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाई जाती है। यह पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आता है।
नरसिंह जयंती हिंदू धर्म का एक अत्यंत पावन पर्व है, जिसे वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान विष्णु के चौथे अवतार, नरसिंह अवतार के प्रकट होने की स्मृति में मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है, जो भगवान शिव को समर्पित होता है। यह व्रत प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है और इसका पालन करने से व्यक्ति को मानसिक तथा सांसारिक लाभ प्राप्त होते हैं। इस वर्ष शुक्रवार 9 मई को भी यह व्रत श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पुण्यदायक रहेगा।