कब सुधि लोगे मेरे राम (Kab Sudhi Loge Mere Ram)

कब सुधि लोगे मेरे राम,

मैं तो नैन बिछाई तेरी राह में,

कब सुध लोगे मेरे राम ॥


नित उठ भोर को,

डगर बुहारूं,

मैं तो राह निहारूं,

विरह के दिन मैं,

रो रो गुजारूं मैं तो,

तुझको पुकारूँ,

लोगे खबर कब राम,

मैं तो नैन बिछाई तेरी राह में,

कब सुध लोगे मेरे राम ॥


थक नैन भी,

मन को निराशा अब,

होने लगी है,

देर करो ना प्रभु,

धीरज भी अब,

खोने लगी है,

अब एक दिन भी लागे साल,

मैं तो नैन बिछाई तेरी राह में,

कब सुध लोगे मेरे राम ॥


कब सुधि लोगे मेरे राम,

मैं तो नैन बिछाई तेरी राह में,

कब सुध लोगे मेरे राम ॥


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श्री रविदास चालीसा (Sri Ravidas Chalisa)

बन्दौ वीणा पाणि को , देहु आय मोहिं ज्ञान।
पाय बुद्धि रविदास को , करौं चरित्र बखान।

हिम्मत ना हारिए, प्रभु ना बिसारिए(Himmat Na Hariye, Prabhu Na Bisraiye)

हिम्मत ना हारिए
प्रभु ना बिसारिए ।

होली रे होली बरसाने की होली (Holi Re Holi Barsane Ki Holi)

राधा कृष्ण ने मिल कर खेली बरसाने की होली,
संग किशन के ग्वाल सखा है सखियाँ राधा टोली,

ब्रह्मा जी की पूजा विधि

ब्रह्मा जी, जिन्हें सृष्टि के रचयिता के रूप में जाना जाता है, के कई मंदिर होने के बावजूद उनका सबसे प्रसिद्ध मंदिर राजस्थान के पुष्कर में स्थित है।

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