कब लोगे खबर भोले नाथ बड़ी देर भयी ( Kab Loge Khabar Bholenath Badi Der Bhayi)

कब लोगे खबर भोलेनाथ,

बड़ी देर भयी बड़ी देर भयी,

कब लोगे खबर भोले नाथ,

चलते चलते मेरे पग हारे,

कब लोगे खबर भोलेनाथ ॥


आया हूँ में भी द्वार तुम्हारे,

अपनी झोली आज पसारे,

खाली जाऊँ भला मै केसे,

तेरेदर से हे भोलेनाथ,

बड़ी देर भयी बड़ी देर भयी ॥


अंजाना हूँ राह दिखा दो,

अब तो बाबा हाथ बढ़ालो,

मोह माया में भटका मैं प्राणी,

नही पाऊ डगर भोलेनाथ,

बड़ी देर भयी बड़ी देर भयी ॥


भक्तो को जो ठुकरावोगे,

आप बबा पछतावोगे,

खुद तुमको मनाना होगा,

रूठ जाऊँ अगर भोलेनाथ,

बड़ी देर भयी बड़ी देर भयी ॥


कब लोगे खबर भोले नाथ

बड़ी देर भयी बड़ी देर भयी,

कब लोगे खबर भोलेनाथ,

चलते चलते मेरे पग हारे,

कब लोगे खबर भोलेनाथ ॥


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पौष माह के व्रत त्योहार

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष के बाद पौष का महीना आता है। ये हिंदू कैलेंडर का 10वां महीना होता है। पौष के महीने में सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।

हर ग्यारस खाटू में अमृत जो बरसता है (Har Gyaras Khatu Me Amrit Jo Barasta Hai)

हर ग्यारस खाटू में,
अमृत जो बरसता है,

फाल्गुन में क्या करें, क्या नहीं

माघ पूर्णिमा के बाद फाल्गुन माह की शुरुआत होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह हिंदू वर्ष का अंतिम महीना होता है। इसके उपरांत हिंदू नववर्ष शुरू होगा। फाल्गुन के महीने को फागुन का महीना भी कहा जाता है।

ऐसा है सेवक श्री राम का (Aisa Hai Sewak Shree Ram Ka)

सेवा में गुजरे,
वक्त हनुमान का,

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