भीलनी परम तपश्विनी,
शबरी जाको नाम ।
गुरु मतंग कह कर गए,
तोहे मिलेंगे राम ।
कब दर्शन देंगे राम परम हितकारी
कब दर्शन देंगे राम दीन हितकारी
रास्ता देखत शबरी की उम्र गयी सारी ॥
कही कोई कांटा प्रभु को नहीं चुभ जाये
पग तन्मग्चारे चुन चुन पुष्प बिछाए
मीठे फल चख कर नित्य सजाये थारी
रास्ता देखत शबरी की उम्र गयी सारी
कब दर्शन देंगे राम परम हितकारी
कब दर्शन देंगे राम दीन हितकारी
रास्ता देखत शबरी की उम्र गयी सारी ॥
श्री राम चरण मे प्राण बसे शबरी के
प्रभु दर्शन दे तो भाग जगे शबरी के
रघुनाथ प्राणनिधि पर जीवन बलिहारी
रास्ता देखत शबरी की उम्र गयी सारी
कब दर्शन देंगे राम परम हितकारी
कब दर्शन देंगे राम दीन हितकारी
रास्ता देखत शबरी की उम्र गयी सारी ॥
कब दर्शन देंगे राम परम हितकारी
कब दर्शन देंगे राम दीन हितकारी
रास्ता देखत शबरी की उम्र गयी सारी
धारा तो बह रही है,
श्री राधा नाम की,
धरती गगन में होती है,
तेरी जय जयकार ॥
ढोलिडा ढोल रे वागाड़,
मारे हिंच लेवी छे,
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। भक्त अपने घरों में श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा करते हैं।