जोगी भेष धरकर,
नंदी पे चढ़कर ॥
दोहा – देखो देखो ये बाराती,
ये बारातियों का हाल,
बैल पर चढ़कर,
मेरे भोलेनाथ आए है,
अंधे काणे और लूले लंगड़े,
संग में बाराती लाए है ॥
जोगी भेष धरकर,
नंदी पे चढ़कर,
गौरा को बिहाने,
भोलेनाथ आ गए है,
देख देख दूल्हा और बाराती,
देख देख दूल्हा और बाराती,
राजा हिमाचल मैना घबरा रहे है,
राजा हिमाचल मैना घबरा रहे है,
जोगी भेंष धरकर,
नंदी पे चढ़कर,
गौरा को बिहाने,
भोलेनाथ आ गए है ॥
देखकर के दूल्हा सखिया,
घबरा गई है,
दौड़ी दौड़ी गौरा के,
पास आ गई है,
बोली सखिया जाकर,
दुल्हा सौ बरस का,
मुंह से बाहर उसके,
दांत आ रहे है,
जोगी भेंष धरकर,
नंदी पे चढ़कर,
गौरा को बिहाने,
भोलेनाथ आ गए है ॥
माथे पे चंदा,
जटा में है गंगा,
भस्म रमाए भोला,
मस्त मलंगा,
भुत प्रेत सारे,
ढोलक बजाए,
शुक्र शनिचर,
नाच गा रहे है,
जोगी भेंष धरकर,
नंदी पे चढ़कर,
गौरा को बिहाने,
भोलेनाथ आ गए है ॥
हाथ जोड़कर के,
बोली गौरा प्यारी,
रूप दिखाओ असली,
भोले भंडारी,
सतरह बरस के,
बने भोले बाबा,
‘लोहिया’ कहे ये मेरे,
मन भा गए है,
जोगी भेंष धरकर,
नंदी पे चढ़कर,
गौरा को बिहाने,
भोलेनाथ आ गए है ॥
जोगी भेष धरकर,
नंदी पे चढ़कर,
गौरा को बिहाने,
भोलेनाथ आ गए है,
देख देख दूल्हा और बाराती,
देख देख दूल्हा और बाराती,
राजा हिमाचल मैना घबरा रहे है,
राजा हिमाचल मैना घबरा रहे है,
जोगी भेंष धरकर,
नंदी पे चढ़कर,
गौरा को बिहाने,
भोलेनाथ आ गए है ॥
नव वर्ष यानी साल 2025 कई राशियों के जातकों के लिए बेहद शुभ होने वाला है। न्याय के देवता शनिदेव और देवगुरु बृहस्पति के राशि परिवर्तन से जहां कई राशि के जातकों को लाभ होगा।
गंगा के किनारे, सूरज की पहली किरणों के साथ, धुंधली सुबह में एक दृश्य उभरता है। यह किसी भी सामान्य दिन से बिल्कुल अलग प्रतीत होता है। राख में लिपटे नग्न शरीर, जटाजूट और आंखों में एक अनोखी चमक। यह दृश्य महाकुंभ मेले की भव्यता को दर्शाता है। नागा साधुओं के चार प्रकारों में से ही एक प्रयाग के नागा साधु होते हैं।
हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित होता है। इस दिन रामजी के साथ हनुमान जी की भी पूजा की जाती है। साथ ही मंगल देव की उपासना की जाती है। मंगल ग्रह ऊर्जा के कारक हैं। इन्हें ग्रहों का सेनापति भी कहा जाता है।
जो लोग अखाड़ों के बारे में नहीं जानते, उन्हें यह जानकर हैरानी हो सकती है कि नागा साधु कई प्रकार के होते हैं। खूनी नागा, खिचड़िया नागा, बर्फानी नागा और नागा। नागाओं को लेकर तमाम तरह की कहानियां भी प्रचलित हैं, जो श्रद्धालुओं को काफ़ी हैरान करते हैं।