नवीनतम लेख
जो शिव भोले की,
भक्ति में रम जाएगा,
हँसते हँसते,
भवसागर तर जाएगा ॥
शिव भोले औघड़दानी,
सुनते है सबकी वाणी,
इंसान तो क्या देवों ने,
इनकी महिमा है बखानी,
शरण जो आएगा,
शिव भोले के,
पावन दर्शन पाएगा,
जो शिव भोलें की,
भक्ति में रम जाएगा,
हँसते हँसते,
भवसागर तर जाएगा ॥
ये नीलकंठ कहलाए,
भक्तो की लाज बचाए,
अमृत देवों को देकर,
विष को खुद ही पि जाए,
वो अमृत पाएगा,
शिव गुणगान जो,
मन से प्राणी गाएगा,
जो शिव भोलें की,
भक्ति में रम जाएगा,
हँसते हँसते,
भवसागर तर जाएगा ॥
शिव तो है अंतर्यामी,
सारे जग के है स्वामी,
सब इनके ही गुण गावे,
ज्ञानी हो या अज्ञानी,
वरदान पाएगा,
सच्चे मन से,
शिव वरदान जो मांगेगा,
जो शिव भोलें की,
भक्ति में रम जाएगा,
हँसते हँसते,
भवसागर तर जाएगा ॥
जो शिव भोले की,
भक्ति में रम जाएगा,
हँसते हँसते,
भवसागर तर जाएगा ॥
........................................................................................................'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।