जो खेल गये प्राणो पे, श्री राम के लिए,
एक बार तो हाथ उठालो,
मेरे हनुमान के लिए ।
एक बार तो हाथ उठालो,
मेरे हनुमान के लिए ।
सागर को लांग के इसने,
सीता का पता लगाया,
प्रभु राम नाम का डंका,
लंका में जाके बजाया ,
माता अंजनी की ऐसी,
संतान के लिए ।
॥ एक बार तो हाथ उठालो...॥
लक्षमण को बचाने की जब,
सारी आशाये टूटी,
ये पवन वेग से जाकर,
लाये संजीवन बूटी,
पर्वत को उठाने वाले,
बलवान के लिए ।
॥ एक बार तो हाथ उठालो...॥
विभीषण जब इनकी भक्ति पर,
जब प्रश्न आज उठाया
तो चीर के सीना अपना,
श्री राम का दरश कराया
इन परम भक्त हनुमान,
माता अंजनी के संतान के लिए ।
॥ एक बार तो हाथ उठालो...॥
सालासर में भक्तो की,
ये पूरी करे मुरादे,
मेहंदीपुर ये सोनू.
दुखियो के दुखारे काटे,
दुनिया से निराले इसके,
दोनों धाम के लिए ।
॥ एक बार तो हाथ उठालो...॥
जो खेल गये प्राणो पे,
श्री राम के लिए,
एक बार तो हाथ उठालो,
मेरे हनुमान के लिए ।
एक बार तो हाथ उठालो,
मेरे हनुमान के लिए ।
हिंदू धर्म में कालाष्टमी व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है। यह दिन भगवान काल भैरव की पूजा के रूप में मनाया जाता है।
सनातन धर्म में एकादशी तिथि को विशेष महत्व दिया जाता है। इसे भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा का दिन माना जाता है। हिंदू धर्म में हर एकादशी का व्रत अलग-अलग नाम और महत्व के साथ आता है, उनमें से एक अपरा एकादशी है।
अपरा एकादशी का व्रत जेष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है, जो विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा का दिन होता है। एकादशी का दिन भगवान विष्णु के समर्पण और कृपा प्राप्त करने के सर्वोत्तम दिन के रूप में जाना जाता है।
इस साल अपरा एकादशी 23 मई 2025 को मनाई जाएगी। यह तिथि विशेष रूप से धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती है। क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा होती है।