जिस पर हो हनुमान की कृपा(Jis Par Ho Hanuman Ki Kripa)

जिस पर हो हनुमान की कृपा,

तकदीर का धनी वो नर है,

रखवाला हो मारुती नंदन,

फिर किस बात का डर है,

भजन पवन सुत का कीजिए,

नाम अमृत का प्याला पीजिए ॥


शीश मुकुट कान में कुण्डल,

लाल सिन्दूर से काया,

लाल लंगोटे वाला हनुमत,

माँ अंजनी का जाया,

नाश करे दुष्टों का,

भक्तों का भय लेता हर है,

रखवाला हो मारुती नंदन,

फिर किस बात का डर है,

भजन पवन सुत का कीजिए,

नाम अमृत का प्याला पीजिए ॥


आई घड़ी जब जब दुविधा की,

राम के काम बनाए,

मात सिया वरदान दिया,

संकट मोचन कहलाए,

पूजा मंगल शनि करे,

मंगल होता उस घर है,

रखवाला हो मारुती नंदन,

फिर किस बात का डर है,

भजन पवन सुत का कीजिए,

नाम अमृत का प्याला पीजिए ॥


बल देते हो निर्बल को,

निर्धन को माया देते,

रोग कष्ट कटते रोगी को,

निर्मल काया देते,

‘लख्खा’ की भी सुध लेना,

चरणों का ‘सरल’ चाकर है,

रखवाला हो मारुती नंदन,

फिर किस बात का डर है,

भजन पवन सुत का कीजिए,

नाम अमृत का प्याला पीजिए ॥


जिस पर हो हनुमान की कृपा,

तकदीर का धनी वो नर है,

रखवाला हो मारुती नंदन,

फिर किस बात का डर है,

भजन पवन सुत का कीजिए,

नाम अमृत का प्याला पीजिए ॥

........................................................................................................
श्री गणपति महाराज, मंगल बरसाओ (Shree Ganpati Maharaj Mangal Barsao)

श्री गणपति महाराज,
मंगल बरसाओ,

बता मेरे यार सुदामा रै (Bata Mere Yaar Sudama Re)

बता मेरे यार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।

हे मेरे गुरुदेव करुणा सिन्धु करुणा कीजिये (He Mere Gurudev Karuna Sindhu Karuna Keejiye)

गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः, गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म, तस्मै श्री गुरवे नमः ॥

सोमवती अमावस्या पर 5 स्थानों पर जलाएं दीपक

सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इसे पितरों और देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त करने का उत्तम समय माना जाता है। विशेष रूप से सोमवती अमावस्या, जो इस बार 30 दिसंबर 2024 को पड़ रही है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने