जिनके हृदय श्री राम बसे(Jinke Hridey Shri Ram Base)

जिनके हृदय श्री राम बसे,

उन और को नाम लियो ना लियो ।

जिनके हृदय श्री राम बसे,

उन और को नाम लियो ना लियो ।

जिनके हृदय श्री राम ।


कोई मांगे कंचन सी काया,

कोई मांग रहा प्रभु से माया ।

कोई पुण्य करे, कोई दान करे,

कोई दान का रोज बखान करे ।

जिन कन्या धन को दान दियो,

जिन कन्या धन को दान दियो,

उन और को दान दियो ना दियो ॥


जिनके हृदय श्री राम बसे,

उन और को नाम लियो ना लियो ।

जिनके हृदय श्री राम ।


कोई घर में बैठा नमन करे,

कोई हरि मंदिर में भजन करे ।

कोई गंगा यमुना स्नान करे,

कोई काशी जाके ध्यान धरे ।

जिन मात पिता की सेवा की,

जिन मात पिता की सेवा की,

उन तीर्थ स्नान किओ ना किओ ॥


जिनके हृदय श्री राम बसे,

उन और को नाम लियो ना लियो ।

जिनके हृदय श्री राम ।

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झूले पलना में कृष्ण कन्हैया(Jhule Palna Mein Krishna Kanhaiya)

झूले पलना में कृष्ण कन्हैया,
बधाई बाजे गोकुल में,

अजब हैरान हूं भगवन! तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं: भजन (Ajab Hairan Hoon Bhagawan Tumhen Kaise Rijhaon Main)

अजब हैरान हूं भगवन!
तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं ।

श्री रामदेव चालीसा (Shri Ramdev Chalisa)

जय जय जय प्रभु रामदे, नमो नमो हरबार।
लाज रखो तुम नन्द की, हरो पाप का भार।

चैत्र और शारदीय नवरात्रि में अंतर

सनातन परंपरा में नवरात्रि का पर्व वर्ष में दो बार मनाया जाता है। पहला चैत्र के महीने में, जिससे हिंदू नव वर्ष की भी शुरुआत होती है, जिसे चैत्र नवरात्रि कहा जाता है। दूसरा, आश्विन माह में आता है, जिसे शारदीय नवरात्रि कहते हैं।

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