झूले पलना में कृष्ण कन्हैया(Jhule Palna Mein Krishna Kanhaiya)

झूले पलना में कृष्ण कन्हैया,

बधाई बाजे गोकुल में,

बधाई बाजे गोकुल में,

बधाई बाजे गोकुल में,

झूलें पलना में कृष्ण कन्हैया,

बधाई बाजे गोकुल में ॥


नन्द भवन की शोभा न्यारी,

तीन लोक जाएं बलिहारी,

बाजे नोपत ढोल शहनईया,

बधाई बाजे गोकुल में,

बधाई बाजे गोकुल में,

झूलें पलना में कृष्ण कन्हैया,

बधाई बाजे गोकुल में ॥


धन्य भयो नन्द बाबा को अंगना,

पूरण ब्रम्ह झूल रह्यो पलना,

श्याम तन पे पीत झगुलिया,

बधाई बाजे गोकुल में,

बधाई बाजे गोकुल में,

झूलें पलना में कृष्ण कन्हैया,

बधाई बाजे गोकुल में ॥


मंगल गावे मिल ब्रजनारी,

जायो यशोदा ने गिरवर धारी,

झूमे नाचे ग्वाल ग्वालिनिया,

बधाई बाजे गोकुल में,

बधाई बाजे गोकुल में,

झूलें पलना में कृष्ण कन्हैया,

बधाई बाजे गोकुल में ॥


‘चित्र विचित्र’ जब सुनी खबरिया,

आये पकड़ ‘पागल’ की अंगुलिया,

जीवे जुग जुग नन्द जु को छैया,

बधाई बाजे गोकुल में,

बधाई बाजे गोकुल में,

झूलें पलना में कृष्ण कन्हैया,

बधाई बाजे गोकुल में ॥


झूले पलना में कृष्ण कन्हैया,

बधाई बाजे गोकुल में,

बधाई बाजे गोकुल में,

बधाई बाजे गोकुल में,

झूलें पलना में कृष्ण कन्हैया,

बधाई बाजे गोकुल में ॥

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सवारी महाकाल की आई(Sawari Mahakal Ki Aayi)

आओ प्यारे भक्तों,
भोले बाबा को मनाएं हम,

तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का (Tune Ajab Racha Bhagwan Khilona Mati Ka)

तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का,
माटी का रे, माटी का,

मार्च के व्रत और त्योहार

फाल्गुन मास का प्रारंभ होते ही हिंदू धर्म में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार आते हैं। फाल्गुन मास में मनाए जाने वाला रंगों का त्यौहार जिसे हम होली कहते हैं।

दिसंबर माह के प्रदोष व्रत

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत को अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। यह व्रत हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। भगवान शिव की साधना करने वाले साधक को पृथ्वी लोक के सभी सुख प्राप्त होते हैं और मृत्यु उपरांत उच्च लोक में स्थान मिलता है।

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