जपा कर बैठ कर बन्दे,
राम का नाम प्यारा है,
राम का नाम प्यारा है,
प्रभु का नाम प्यारा है,
जपाकर बैठ कर बन्दे,
राम का नाम प्यारा है ॥
छुआई चरण रज अपनी,
अहिल्या भव से तारी थी,
पति के श्राप से भक्तो,
बनी पत्थर बेचारी थी,
चरण रज उसको दी अपनी,
हाँ कष्टों से उबारा है,
जपाकर बैठ कर बन्दे,
राम का नाम प्यारा है ॥
पिता के वचनो को माना,
प्रभु जी गंगा आए थे,
प्रभु के पग पखारे थे,
चरणामृत केवट पाए थे,
बिठाया नाव में अपनी,
हाँ गंगा पार उतारा है,
जपाकर बैठ कर बन्दे,
राम का नाम प्यारा है ॥
भगत शबरी की कुटिया में,
प्रभु भाई सहित आए,
बेर झूठे माँ शबरी के,
हाथ से प्रभु जी थे खाए,
माँ शबरी का किया कल्याण,
प्रभु जी बने सहारा है,
जपाकर बैठ कर बन्दे,
राम का नाम प्यारा है ॥
राम के नाम का चन्दन,
श्री हनुमत ने लगाया है,
प्रभु जी ह्रदय लगाए थे,
भरत के सम बताया है,
चिर के सीना दिखलाया,
सभी ने दर्श पाया है,
जपाकर बैठ कर बन्दे,
राम का नाम प्यारा है ॥
जपा कर बैठ कर बन्दे,
राम का नाम प्यारा है,
राम का नाम प्यारा है,
प्रभु का नाम प्यारा है,
जपाकर बैठ कर बन्दे,
राम का नाम प्यारा है ॥
Iमहाकुंभ मेला हिंदू धर्म के सबसे बड़े पर्वों में से एक है। ये प्रत्येक 12 साल में आयोजित होता है। इसके बीच 6 साल के अंतराल पर अर्धकुंभ और हर 3 साल में कुंभ मेले का आयोजन भी किया जाता है।
कुंभ मेला भारत का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और विश्व प्रसिद्ध धार्मिक आयोजन है। यह मेला हर 12 साल में चार विशेष स्थानों पर आयोजित किया जाता है: प्रयागराज (इलाहाबाद), हरिद्वार, उज्जैन और नासिक।
सनातन धर्म में सूर्य देव हमारे आराध्य और साक्षात देवता के रूप में पूजे जाते हैं। नवग्रह में शामिल, ऊर्जा और प्रकाश के देवता सूर्य की आराधना का विशेष महत्व हमारे शास्त्रों में वर्णित है।
नारियल या श्रीफल हिंदू धर्म के सभी धार्मिक आयोजनों, अनुष्ठानों और पूजा पाठ की सामग्री का सबसे अहम हिस्सा है। कोई भी शुभ कार्य हो सबसे पहले नारियल चढ़ाने से ही उसका आरंभ किया जाता है।