जन्मे है राम रघुरैया, अवधपुर में (Janme Hai Ram Raghuraiya Awadhpur Mein )

जन्मे है राम रघुरैया,

अवधपुर में बाजे बधैया,

बाजे बधैया बाजे बधैया,

जन्में है राम रघुरैया,

अवधपुर में बाजे बधैया ॥


राजा दशरथ गैया लुटावे,

राजा दशरथ गैया लुटावे,

कंगना लुटावे तीनो मैया,

अवधपुर में बाजे बधैया,

जन्में है राम रघुरैया,

अवधपुर में बाजे बधैया ॥


राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न,

राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न,

गोदी में खेले चारो भैया,

अवधपुर में बाजे बधैया,

जन्में है राम रघुरैया,

अवधपुर में बाजे बधैया ॥


सारी अयोध्या में धूम मची है,

सारी अयोध्या में धूम मची है,

भारी है भीड़ अंगनैया,

अवधपुर में बाजे बधैया,

जन्में है राम रघुरैया,

अवधपुर में बाजे बधैया ॥


‘माधव’ कहे शिव डमरू बजावे,

‘माधव’ कहे शिव डमरू बजावे,

आशीष देवे गौरी मैया,

अवधपुर में बाजे बधैया,

जन्में है राम रघुरैया,

अवधपुर में बाजे बधैया ॥


जन्मे है राम रघुरैया,

अवधपुर में बाजे बधैया,

बाजे बधैया बाजे बधैया,

जन्में है राम रघुरैया,

अवधपुर में बाजे बधैया ॥


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श्री लक्ष्मीनारायण जी की आरती

जय लक्ष्मी-विष्णो, स्वामी जय लक्ष्मीनारायण,
जय माधव, जय श्रीपति, जय, जय, जय विष्णो॥

दर्शन को अखियाँ प्यासी है, कब दर्शन होगा श्याम धणी(Darshan Ko Akhiyan Pyasi Hai, Kab Darshan Hoga Shyam Ghani)

दर्शन को अखियाँ प्यासी है,
कब दर्शन होगा श्याम धणी,

देवता भी स्वार्थी थे, दौड़े अमृत के लिए (Dewata Bhi Swarthi The, Daude Amrat Ke Liye)

देवता भी स्वार्थी थे,
दौड़े अमृत के लिए,

ललिता चालीसा का पाठ

ललिता जयंती का पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। ललिता माता आदिशक्ति त्रिपुर सुंदरी जगत जननी हैं। मान्यता है कि देवी के दर्शन मात्र से ही भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

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