जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया (Jail Main Prakate Krishn Kanhaiya)

जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया,

सबको बहुत बधाई है,

बहुत बधाई है,

सबको बहुत बधाई है,

जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैंया,

सबको बहुत बधाई है ॥


मात-पिता को सब समझाया,

मैं हू लीला करने आया,

जैसा कहु वैसा ही करना,

जगत भलाई है ॥

॥ जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैंया...॥


कैसा किया है जादू कमाल,

छोटे बन गये लड्डू गोपाल,

देखो अंगूठा चूसते,

मोहनी सूरत बनाई है ॥

॥ जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैंया...॥


बारिश पड़ रही मूसलाधार,

शेष नाग है सेवा दार,

यमूना जी की बाढ़,

ना जाने कहा समाई है ॥

॥ जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैंया...॥


जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया,

सबको बहुत बधाई है,

बहुत बधाई है,

सबको बहुत बधाई है,

जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैंया,

सबको बहुत बधाई है ॥


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मेरा भोला हे भंडारी, जटाधारी अमली (Mera Bhola Hai Bhandari Jatadhari Amali)

मेरा शिव भोला भंडारी,
जटाधारी अमली,

विष्णु सहस्त्रनाम (Vishnu Sahastranam )

ॐ विश्वं विष्णु: वषट्कारो भूत-भव्य-भवत-प्रभुः ।

हे शिव शम्भू नमस्तुभ्यं(Hey Shiv Shambhu Namastubhyam)

हे शिव शम्भू नमस्तुभ्यं,
हे गंगाधर नमस्तुभ्यं,

क्यों मनाई जाती है मत्स्य द्वादशी?

मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाई जाने वाली मत्स्य द्वादशी भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की जयंती के रूप में मनाई जाती है।

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