जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया,
सबको बहुत बधाई है,
बहुत बधाई है,
सबको बहुत बधाई है,
जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैंया,
सबको बहुत बधाई है ॥
मात-पिता को सब समझाया,
मैं हू लीला करने आया,
जैसा कहु वैसा ही करना,
जगत भलाई है ॥
॥ जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैंया...॥
कैसा किया है जादू कमाल,
छोटे बन गये लड्डू गोपाल,
देखो अंगूठा चूसते,
मोहनी सूरत बनाई है ॥
॥ जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैंया...॥
बारिश पड़ रही मूसलाधार,
शेष नाग है सेवा दार,
यमूना जी की बाढ़,
ना जाने कहा समाई है ॥
॥ जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैंया...॥
जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया,
सबको बहुत बधाई है,
बहुत बधाई है,
सबको बहुत बधाई है,
जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैंया,
सबको बहुत बधाई है ॥
हमारे हैं श्री गुरुदेव,
हमें किस बात की चिंता,
चोख पुरावो, माटी रंगावो,
आज मेरे पिया घर आवेंगे
हमारे साथ श्री रघुनाथ तो
किस बात की चिंता ।
हमारे साथ श्री रघुनाथ तो
किस बात की चिंता ।