जय भोले शंकर जय गंगाधारी (Jai Bhole Shankar Jai Gangadhari)

जय भोले शंकर जय गंगाधारी,

देवो के देवा हे महादेवा,

भोले भंडारी चंदा के धारी,

भोले भंडारी त्रिनेत्र धारी,

देवो के देवा हे महादेवा,

जय भोलें शंकर जय गंगाधारी,

देवो के देवा हे महादेवा ॥


ऊँचे कैलाश पे डेरा है डाला,

अद्भुत अनुपम रूप निराला,

गंगा जल से खुश हो जाते,

जिसने शिवलिंग पर है डाला,

भक्तो की सारी विपदाएँ टाली,

भक्तो की सारी विपदाएँ टाली,

देवो के देवा हे महादेवा,

जय भोलें शंकर जय गंगाधारी,

देवो के देवा हे महादेवा ॥


असुरो को भी वर दे डाले,

शिव शंकर मेरे भोले भाले,

ब्रम्हा को वेद दिए रावण को लंका,

शिव शम्भु तेरे खेल निराले,

भर दी है जिसने झोली पसारी,

भर दी है जिसने झोली पसारी,

देवो के देवा हे महादेवा,

जय भोलें शंकर जय गंगाधारी,

देवो के देवा हे महादेवा ॥


पार्वती के संग विराजे,

गणपत कार्तिक गोद में साजे,

तेरी महिमा जग से निराली,

तीन लोक में डंका बाजे,

चरणों में झुकती श्रष्टि है सारी,

चरणों में झुकती श्रष्टि है सारी,

देवो के देवा हे महादेवा,

जय भोलें शंकर जय गंगाधारी,

देवो के देवा हे महादेवा ॥


जय भोले शंकर जय गंगाधारी,

देवो के देवा हे महादेवा,

भोले भंडारी चंदा के धारी,

भोले भंडारी त्रिनेत्र धारी,

देवो के देवा हे महादेवा,

जय भोलें शंकर जय गंगाधारी,

देवो के देवा हे महादेवा ॥

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विधाता तू हमारा है - प्रार्थना (Vidhata Tu Hamara Hai: Prarthana)

विधाता तू हमारा है,
तू ही विज्ञान दाता है ।

आज है जगराता माई का, माँ को मना लेना (Aaj Hai Jagrata Mai Ka Maa Ko Mana Lena)

आज है जगराता माई का,
माँ को मना लेना,

16 सोमवार व्रत कथा (16 Somavaar Vrat Katha)

एक समय श्री महादेवजी पार्वती के साथ भ्रमण करते हुए मृत्युलोक में अमरावती नगरी में आए। वहां के राजा ने शिव मंदिर बनवाया था, जो कि अत्यंत भव्य एवं रमणीक तथा मन को शांति पहुंचाने वाला था। भ्रमण करते सम शिव-पार्वती भी वहां ठहर गए।

जहाँ राम की चर्चा होती, आता बजरंग बाला (Jahan Ram Ki Charcha Hoti Aata Bajrang Bala)

जहाँ राम की चर्चा होती,
आता बजरंग बाला,

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