जगन्नाथ भगवान जी का भजन (Jagannath Bhagwan Ji Ka Bhajan)

जगन्नाथ जगन्नाथ जगन्नाथ जगन्नाथ


चारों धाम में सबसे बड़ा है ,जगन्नाथ धाम

जगन्नाथ भगवान की, महिमा अपरम्पार

भक्तों को दर्शन देते,करते उनके काम।

कर लो भक्तों ,जगन्नाथ का ध्यान बारंबार।


जगन्नाथ जगन्नाथ जगन्नाथ जगन्नाथ


भज लो रे भक्तों जगन्नाथ को

तर जाओगे भव सागर पार।

तन मन जीवन अर्पण कर दो

प्रभु की , लीला अपरम्पार।


जगन्नाथ जगन्नाथ जगन्नाथ जगन्नाथ


सात पुरियों में एक है ,जगन्नाथ पुरी धाम

जगन्नाथ के भात को ,जगत पसारे हाथ।

करलो भक्तों महाप्रभु के ,दर्शन बारंबार

जहां विराजे जगन्नाथ ,बलभद्र ,सुभद्रा साथ।


जगन्नाथ जगन्नाथ जगन्नाथ जगन्नाथ

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सच्चे मन से माँ की, ज्योत तुम जगाओ (Sacche Man Se Maa Ki Jyot Tum Jagao)

सच्चे मन से माँ की,
ज्योत तुम जगाओ,

रुक्मिणी अष्टमी की कथा

पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रुक्मिणी अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी देवी रुक्मिणी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। देवी रुक्मिणी मां लक्ष्मी का अवतार मानी जाती हैं और भगवान श्रीकृष्ण की आठ पटरानियों में से एक थीं।

माघ के पहले प्रदोष पर कैसे करें भोलेनाथ को प्रसन्न

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सोहर: जुग जुग जियसु ललनवा (Sohar: Jug Jug Jiya Su Lalanwa Ke)

जुग जुग जियसु ललनवा,
भवनवा के भाग जागल हो,

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