ईश्वर को जान बन्दे,
मालिक तेरा वही है,
करले तू याद दिल से,
हर जाम वो सही है ।
ईष्वर को जान बन्दे,
मालिक तेरा वही है ॥
भूमि अगन पवन में,
सागर पहाड़ बन में,
उसकी सभी भुवन में,
छाया समा रही है ।
ईष्वर को जान बन्दे,
मालिक तेरा वही है ॥
उसने तुझे बनाया,
जब खेल ये दिखाया,
तू क्यों फिरे भुलाया,
उमरा बिता रही है ।
ईश्वर को जान बन्दे,
मालिक तेरा वही है ॥
विषयो की छोड़ आशा,
सब झुटे है तमाशा,
हैरान हु में खुद भी,
अब माया फसा रही है ।
ईष्वर को जान बन्दे,
मालिक तेरा वही है ॥
दुनिया से दिल हटाले,
प्रभु ध्यान में लगा ले,
ब्रम्हानंद मोक्ष पा ले,
कल का पता नही है ।
ईश्वर को जान बन्दे,
मालिक तेरा वही है ॥
ईष्वर को जान बन्दे,
मालिक तेरा वही है,
करले तू याद दिल से,
हर जाम वो सही है ।
ईष्वर को जान बन्दे,
मालिक तेरा वही है ॥
हिंदू धर्म में जानकी जयंती का विशेष महत्व है, जिसे माता सीता के अवतरण का दिन माना जाता है। इस दिन व्रत, पूजा-पाठ और दान-पुण्य का विशेष महत्व है।
हिंदू धर्म में जानकी जयंती का बहुत महत्व है। इस पर्व को माता सीता के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। साल 2025 में जानकी जयंती आज यानी 21 फरवरी, शुक्रवार को मनाई जाएगी।
हिंदू धर्म में भगवान राम और माता सीता की पूजा बहुत शुभ और कल्याणकारी मानी गई है। देवी सीता को जानकी के नाम से भी जाना जाता है, वे जगत जननी मां लक्ष्मी का स्वरूप हैं।
जानकी जी के विभिन्न नामों में सीता, मैथिली और सिया प्रमुख हैं। जानकी जयंती के अवसर पर रामचरित मानस की चौपाइयों का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है। यहां कुछ चौपाइयां दी गई हैं जो राम भक्ति से परिपूर्ण हैं।