हम तुम्हारे तुम हमारे, बन गए हो सांवरे (Hum Tumhare Tum Hamare Ban Gaye Ho Sanware)

हम तुम्हारे तुम हमारे,

बन गए हो सांवरे,

जान से प्यारे हमें,

जान से प्यारे हमें,

लगने लगे हो सांवरे,

हम तुम्हारें तुम हमारे,

बन गए हो सांवरे ॥


जब से देखा है तुम्हे,

दिल को कोई जंचता नहीं,

लाख समझाया इसे पर,

दिल तेरे बिन लगता नहीं,

इस कदर रग रग में मेरी,

इस कदर रग रग में मेरी,

बस गए हो सांवरे,

हम तुम्हारें तुम हमारे,

बन गए हो सांवरे ॥


बिन तुम्हारे इस जहा में,

और कुछ भाता नहीं,

बिन तुम्हें देखे कन्हैया,

चैन अब आता नहीं,

जाने कैसा जादू मुझ पर,

कर गए हो सांवरे,

हम तुम्हारें तुम हमारे,

बन गए हो सांवरे ॥


लग गई जो प्रीत दिल की,

अब छुड़ाए छूटे ना,

बांधी ऐसी प्रीत तुम संग,

अब कभी ये टूटे ना,

ऐसे मन मंदिर में मेरे,

बस गए हो सांवरे,

हम तुम्हारें तुम हमारे,

बन गए हो सांवरे ॥


हम तुम्हारे तुम हमारे,

बन गए हो सांवरे,

जान से प्यारे हमें,

जान से प्यारे हमें,

लगने लगे हो सांवरे,

हम तुम्हारें तुम हमारे,

बन गए हो सांवरे ॥

........................................................................................................
मार्गशीर्ष पूर्णिमा कब मनाई जा रही

सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है, और मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा तिथि को साल की आखिरी पूर्णिमा तिथि होने के कारण इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।

महिमा भोलेनाथ की सुनाएंगे (Mahima Bholenath Ki Sunayenge)

जय जय नमामि शंकर,
गिरिजापति नमामि शंकर,

अन्नपूर्णा जयंती पर कितने दीप जलाएं?

माता अन्नपूर्णा अन्न की देवी मानी जाती हैं। इस कारण इस दिन भूल से भी किसी तरह के अन्न का अनादर नहीं करना चाहिए।

रुक्मिणी अष्टमी के दिन करें ये उपाय

पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रुक्मिणी अष्टमी के पर्व के रूप में मनाया जाता है। जो इस साल 22 दिसंबर को मनाया जा रहा है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण की पहली पत्नी देवी रुक्मिणी के जन्म की याद में मनाया जाता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।