होली रे होली बरसाने की होली (Holi Re Holi Barsane Ki Holi)

राधा कृष्ण ने मिल कर खेली बरसाने की होली,

संग किशन के ग्वाल सखा है सखियाँ राधा टोली,

होली रे होली बरसाने की होली ॥


हाथो में लेके रंगो गुलाल मोहन ने रंग डाले राधा के गाल,

राधा की होली थी सच मुच् कमाल श्याम रंग वाले को कर डाले लाल,

धूम धड़का खूब मची है मस्त मलंग हर टोली टोली,

होली रे होली बरसाने की होली ॥


लाली मेरे लाल की मैं चित देखु तित लाल,

लाली देखन मैं चली मैं भी हो गई लाल ॥


नैनो से बाते करे नंग लाल मुश्का के राधा रानी करती कमल,

आज नहीं मन में है कोई मिलाल वैसा बरसाने में जैसे हो लाल,

धूम धड़का खूब मची है मस्त मलंग हर टोली टोली,

होली रे होली बरसाने की होली ॥


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कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रबोधिनी एकादशी (Kaartik Maas Ke Shukl Paksh Kee Prabodhinee Ekaadashee)

ब्रह्माजी ने कहा कि हे मनिश्रेष्ठ ! गंगाजी तभई तक पाप नाशिनी हैं जब तक प्रबोधिनी एकादशी नहीं आती। तीर्थ और देव स्थान भी तभी तक पुण्यस्थल कहे जाते हैं जब तक प्रबोधिनी का व्रत नहीं किया जाता।

मैया कृपा करदो झोली मेरी भरदो (Maiya Kripa Kar Do Jholi Meri Bhar Do)

मैया कृपा करदो,
झोली मेरी भरदो ।

बाबा मुझे ये तो बता कोई इतना भी देता है क्या (Baba Mujhe Ye To Bata Koi Itna Bhi Deta Hai Kya)

बाबा मुझे ये तो बता,
कोई इतना भी देता है क्या,

तेरे बिना श्याम, हमारा नहीं कोई रे(Tere Bina Shyam Hamara Nahi Koi Re)

तेरे बिना श्याम,
हमारा नहीं कोई रे,

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