होली खेल रहे नंदलाल(Holi Khel Rahe Nandlal)

होली खेल रहे नंदलाल,

वृंदावन कुञ्ज गलिन में ।

वृंदावन कुञ्ज गलिन में,

वृंदावन कुञ्ज गलिन में ॥


नंदगांव के छैल बिहारी,

बरसाने कि राधा प्यारी ।

हिलमिल खेले गोपी ग्वाल,

वृंदावन कुञ्ज गलिन में ॥


ढापडोल मजीरा बाजे,

कहना मुख मुरली साजे ।

ए री सब नाचत दे दे ताल,

वृंदावन कुञ्ज गलिन में ॥


याने भर पिचकारी मारी,

रंग में रंग दारी सारी ।

ए री मेरे मुख पर मलो गुलाल,

वृंदावन कुञ्ज गलिन में ॥


होली खेल रहे नंदलाल,

वृंदावन कुञ्ज गलिन में ।

वृंदावन कुञ्ज गलिन में,

वृंदावन कुञ्ज गलिन में ॥


भजन का अन्य रूप

होली खेल रहे नन्दलाल,

गोकुल की कुञ्ज गलिन में ॥


मेरे घर मारी पिचकारी,

मेरी भीगी रेशम साड़ी,

मेरे घर मारी पिचकारी,

मेरी भीगी रेशम साड़ी,

अरे मेरे मुँह पे मलो गुलाल,

गोकुल की कुञ्ज गलिन में ॥


लिए ग्वाल बाल सब संग में,

रंग गई बसंती रंग में,

लिए ग्वाल बाल सब संग में,

रंग गई बसंती रंग में,

अरे मेरी चली ना कोई चाल,

गोकुल की कुञ्ज गलिन में ॥


मेरी रंग से भरी कमोरी,

कंकरिया मार के फोरी,

मेरी रंग से भरी कमोरी,

कंकरिया मार के फोरी,

में तो पड़ी हाल बेहाल,

गोकुल की कुञ्ज गलिन में ॥


मोसे हँस के बोलो बेना,

तोहे सही बताऊ बहना,

मोसे हँस के बोलो बेना,

तोहे सही बताऊ बहना,

मैं कर दई हरी और लाल,

गोकुल की कुञ्ज गलिन में ॥


होली खेल रहे नन्दलाल,

गोकुल की कुञ्ज गलिन में॥

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बिगड़ी किस्मत को बनाना,
शिव भोले का काम है,

जन्मे अवध में, दशरथ के ललना (Janme Awadh Mein Dashrath Ke Lalna)

जन्मे अवध में,
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पापमोचनी एकादशी व्रत के नियम

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