हे शिव शंकर भोले बाबा, मैं तेरे गुण गाऊं(Hey Shiv Shankar Bhole Baba, Main Tere Gun Gaoon)

हे शिव शंकर भोले बाबा,

मैं तेरे गुण गाऊं,

ऐसा वर दे इन चरणों में,

ऐसा वर दे इन चरणों में,

सगरे जनम बिताऊं,

हे शिव शंकर भोलें बाबा,

मैं तेरे गुण गाऊं ॥


सोऽहं कहके मैं जन्मी थी,

तूने शिवम बताया,

धन्य भया ये जीवन मेरा,

सारा भरम मिटाया,

किरपा कर तू कर दे मुझपे,

किरपा कर तू कर दे मुझपे,

भव सागर तर जाऊं,

हे शिव शंकर भोलें बाबा,

मैं तेरे गुण गाऊं ॥


द्वंद्व द्वेष सब मिट गए मेरे,

द्वार पे आके तेरे,

जन्म जन्म की धुंध छटी है,

पाप कटे है मेरे,

कुछ ऐसा कर दे हे भोले,

कुछ ऐसा कर दे हे भोले,

परम शांति मैं पाऊं,

हे शिव शंकर भोलें बाबा,

मैं तेरे गुण गाऊं ॥


सदा मांगती रही मैं तुझसे,

ऋणी रही मैं तेरी,

दयानिधि कल्याण करो अब,

सुन लो विनती मेरी,

मेरे सर पे ऋण है तेरा,

मेरे सर पे ऋण है तेरा,

कैसे उसे चुकाऊं,

हे शिव शंकर भोलें बाबा,

मैं तेरे गुण गाऊं ॥


हे शिव शंकर भोले बाबा,

मैं तेरे गुण गाऊं,

ऐसा वर दे इन चरणों में,

ऐसा वर दे इन चरणों में,

सगरे जनम बिताऊं,

हे शिव शंकर भोलें बाबा,

मैं तेरे गुण गाऊं ॥

........................................................................................................
मौनी अमावस्या के दिन तुलसी को क्या चढ़ाएं

मौनी अमावस्या का दिन पूजा-पाठ, अनुष्ठान और दान-पुण्य के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। कहते हैं कि मौनी अमावस्या पर किए गए उपायों से 100 वर्षों के दान के बराबर पुण्य मिलता है।

क्या है शनि प्रदोष व्रत

सनातन धर्म में भगवान भोलेनाथ की पूजा-आराधना के लिए प्रदोष व्रत का काफ़ी खास माना गया है। प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है।

जगत में कोई ना परमानेंट(Jagat Me Koi Na Permanent)

जगत में कोई ना परमानेंट,
जगत में कोई ना परमानेंट,

सात्विक नियम पढ़ने के नियम क्या हैं

सात्विक मंत्र साधना में शुद्धि, शांति, और उन्नति का विशेष महत्व है। इसका उद्देश्य भौतिक इच्छाओं से मुक्त होकर ईश्वर की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करना है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने