हे शिव भोले मुझ पर, दो ऐसा रंग चढ़ाय(Hey Shiv Bhole mMujhpar Do Aisa Rang Chadaye)

हे शिव भोले मुझ पर,

दो ऐसा रंग चढ़ाय,

रोम रोम मेरा शिव बोले,

मन बोले नमः शिवाय ॥


हे शिव शंकर हे करुणाकर,

हे त्रिभुवन के स्वामी,

है रामेश्वर जय महाकाल,

श्री नागेस्वर अन्तर्यामी,

बैधनाथ है सोमनाथ,

तुम भोले दिगम्बराय,

रोम रोम मेरा शिव बोले,

मन बोले नमः शिवाय ॥


मन मेरा शिवाला हो,

और दिल में हो तेरी मूरत,

जब जब भी आंखे खोलू,

मेरे सामने तेरी हो सूरत,

अब रहे न तुमसे दूरी,

कर दो ऐसा उपाय,

रोम रोम मेरा शिव बोले,

मन बोले नमः शिवाय ॥


स्वार्थ भरी दुनिया में भोले,

एक आसरा तेरा,

पक्का है विश्वास मुझे,

तू भर देगा दामन मेरा,

‘दिलबर’ दिल से दिल का,

ये तार जुड़ जाय,

रोम रोम मेरा शिव बोले,

मन बोले नमः शिवाय ॥


हे शिव भोले मुझ पर,

दो ऐसा रंग चढ़ाय,

रोम रोम मेरा शिव बोले,

मन बोले नमः शिवाय ॥

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कार्तिगाई दीपम उत्सव के शुभ मुहूर्त

दक्षिण भारत में मनाया जाने वाला कार्तिगाई दीपम उत्सव एक महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार है, जो भगवान कार्तिकेय को समर्पित है।

मेरी मैया तेरे दरबार ये, दीवाने आए है (Meri Maiya Tere Darbar Ye Diwane Aaye Hai)

मेरी मैया तेरे दरबार ये,
दीवाने आए है,

मोको कहां ढूंढे रे बंदे(Moko Kahan Dhunde Re Bande)

मोको कहां ढूंढे रे बंदे,
मैं तो तेरे पास में ।

पापमोचनी एकादशी व्रत के नियम

पापमोचनी एकादशी चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से व्यक्ति अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है, और मोक्ष की प्राप्ति करता है।

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