हे राम, हे राम (Hey Ram, Hey Ram)

हे राम, हे राम

जग में साचो तेरो नाम

हे राम, हे राम


तू ही माता, तू ही पिता है

तू ही माता, तू ही पिता है

तू ही तो है, राधा का श्याम

हे राम, हे राम


तू अंतर्यामी, सबका स्वामी

तू अंतर्यामी, सबका स्वामी

तेरे चरणों में, चारो धाम

हे राम, हे राम


तू ही बिगड़े, तू ही सवारे

तू ही बिगड़े, तू ही सवारे

इस जग के, सारे काम

हे राम, हे राम


तू ही जगदाता, विश्वविधता

तू ही जगदाता, विश्वविधता

तू ही सुबह, तू ही शाम

हे राम, हे राम


हे राम, हे राम

जग में साचो तेरो नाम

हे राम, हे राम

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कन्हैया ने जब पहली बार बजाई मुरली, सारी सृष्टि में आनंद की लहर दौड़ी

मुरलीधर, मुरली बजैया, बंसीधर, बंसी बजैया, बंसीवाला भगवान श्रीकृष्ण को इन नामों से भी जाना जाता है। इन नामों के होने की वजह है कि भगवान को बंसी यानी मुरली बहुत प्रिय है। श्रीकृष्ण मुरली बजाते भी उतना ही शानदार हैं।

आ गया फागुन मेला (Aa Gaya Falgun Mela)

आ दरश दिखा दे मेरी माँ,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,

कितना रोई पार्वती, शिवनाथ के लिए (Kitna Roi Parvati Shivnath Ke Liye)

कितना रोई पार्वती,
शिवनाथ के लिए,

लूटूरू महादेव चलो(Lutru Mahadev Chalo)

लूटरू महादेव जय जय,
लुटरू महादेव जी,

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