हे गिरधर गोपाल लाल तू आजा मोरे आँगना (Hey Girdhar Gopaal Laal Tu Aaja More Angana)

हे गिरधर गोपाल लाल तू,

आजा मोरे आँगना,

माखन मिशरी तने खिलाऊँ,

और झुलाऊँ पालणा,

हे गिरधर गोपाल लाल तु ॥


मैं तो अर्जी कर सकता हूँ,

आगे तेरी मर्जी है,

आनो हो तो आ साँवरिया,

फेर करे क्यों देरी है,

मुरली की आ तान सुनाना,

चाल ना टेढ़ी चालना,

माखन मिशरी तने खिलाऊँ,

और झुलाऊँ पालणा,

हे गिरधर गोपाल लाल तु ॥


कंचन बरगो थाल सजायो,

खीर चूरमा बाटकी,

दूध मलाई से मटकी भरी है,

आजा जिमले ठाट की,

तेरी ही मर्जी के माफिक,

खाना हो सो खावना,

माखन मिशरी तने खिलाऊँ,

और झुलाऊँ पालणा,

हे गिरधर गोपाल लाल तु ॥


धन्ना भगत ने तुझे बुलाया,

रूखा सूखा खाया तू,

करमा बाई लाई खीचड़ो,

रूचि रूचि भोग लगाया तू,

मेरी बार क्यों रूठ के बैठ्यो,

भाई ना मेरी भावना,

माखन मिशरी तने खिलाऊँ,

और झुलाऊँ पालणा,

हे गिरधर गोपाल लाल तु ॥


हे गिरधर गोपाल लाल तू,

आजा मोरे आँगना,

माखन मिशरी तने खिलाऊँ,

और झुलाऊँ पालणा,

हे गिरधर गोपाल लाल तु ॥


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है सहारा अब मुझे तो, राम सकल गुणधाम का (Hai Sahara Ab Mujhe To Ram Sakal Gundham Ka)

हो के नाचूं अब दिवाना,
मैं प्रभु श्रीराम का,

मैं हार गया जग से, अब तुमको पुकारा है (Main Haar Gaya Jag Se Ab Tumko Pukara Hai)

मैं हार गया जग से,
अब तुमको पुकारा है,

घुमा दें मोरछड़ी(Ghuma De Morchadi)

बाबा थारी मोरछड़ी,
घूमे करे कमाल ।

दिवाली 2024 तिथि: दिवाली कब है? 31 अक्टूबर या 1 नवंबर

दीपावली या दिवाली हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहारों में एक है। यह त्योहार भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में बसे हिंदुओं के बीच श्रद्धा भक्ति और हर्षोल्लास से मनाया जाता है।

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