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हे गजानन पधारो (Hey Gajanan Padharo)

हे गजानन पधारो (Hey Gajanan Padharo)

सिद्धिविनायक मंगलमूर्ति,

विघ्नहरण सुखपाल जी,

हे गजानन पधारो गौरी लाल जी,

हे गजानन पधारों गौरी लाल जी ॥


महिमा है अतिभारी चार भुजा धारी,

एकदंत दयावंत न्यारी मूषक सवारी,

गल मोतियन की माला साजे,

चन्दन चौकी देव विराजे,

केसर तिलक सोहे भाल जी,

हे गजानन पधारों गौरी लाल जी ॥


शम्भू दियो वरदान देवो में देवा महान,

पहले तुम्हरो ही ध्यान तुम्हरो ही गुणगान,

पान पुष्प से तुमको रुझावे,

मनवांछित फल सो जन पावे,

ले लड्डूवन की थाल जी,

हे गजानन पधारों गौरी लाल जी ॥


सभी विघ्न हरो जी दूर संकट करो जी,

झोली सुख से भरो जी हाथ सिर पे धरो जी,

दास ‘सरल’ को आसरा तेरा,

कंठ में हो सरस्वती बसेरा,

दीजो स्वर और ताल जी,

हे गजानन पधारों गौरी लाल जी ॥


सिद्धिविनायक मंगलमूर्ति,

विघ्नहरण सुखपाल जी,

हे गजानन पधारो गौरी लाल जी,

हे गजानन पधारों गौरी लाल जी ॥

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Shri Adinath Chalisa (श्री आदिनाथ चालीसा)

शीश नवा अरिहंत को, सिद्धन को, करुं प्रणाम |
उपाध्याय आचार्य का ले सुखकारी नाम ||

अथ चौरासी सिद्ध चालीसा - गोरखनाथ मठ (Ath Chaurasi Siddha Chalisa - Gorakhnath Math)

श्री गुरु गणनायक सिमर, शारदा का आधार।
कहूँ सुयश श्रीनाथ का, निज मति के अनुसार।

श्री सीता माता चालीसा (Shri Sita Mata Chalisa)

बन्दौ चरण सरोज निज जनक लली सुख धाम,
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श्री संतोषी माता चालीसा (Shri Santoshi Mata Chalisa)

श्री गणपति पद नाय सिर , धरि हिय शारदा ध्यान ।
सन्तोषी मां की करूँ , कीरति सकल बखान ।

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