हरि तुम हरो जन की भीर(Hari Tum Haro Jan Ki Bhir)

हरि तुम हरो जन की भीर।

द्रोपदी की लाज राखी, तुम बढ़ायो चीर॥

हरि तुम हरो जन की भीर...


भगत कारण रूप नरहरि धर्‌यो आप शरीर॥

हिरण्यकश्यप मारि लीन्हो धर्‌यो नाहिन धीर॥

हरि तुम हरो जन की भीर...


बूड़तो गजराज राख्यो कियौ बाहर नीर॥

दासी मीरा लाल गिरधर चरणकंवल सीर॥


हरि तुम हरो जन की भीर।

द्रोपदी की लाज राखी, तुम बढ़ायो चीर॥


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आश्विन मास शुक्ल पक्ष की पापांकुशा एकादशी (Ashvin Maas Shukla Paksh Ki Paapaankusha Ekaadashi)

युधिष्ठिर ने फिर पूछा-जनार्दन ! अब आप कृपा कर आश्विन शुक्ल एकादशी का नाम और माहात्म्य मुझे सुनाइये। भगवान् कृष्ण बोले राजन् !

प्रदोष व्रत के नियम

शनि प्रदोष का दिन भगवान भोलेनाथ के साथ शनिदेव की पूजा-आराधना के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन शनिदेव और शिवजी की पूजा करने से जीवन के समस्त दुखों से छुटकारा मिलता है और शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा समेत अन्य परेशानियां भी दूर होती है।

नाग स्तोत्रम् (Nag Stotram)

ब्रह्म लोके च ये सर्पाःशेषनागाः पुरोगमाः।

जिस पर हो हनुमान की कृपा(Jis Par Ho Hanuman Ki Kripa)

जिस पर हो हनुमान की कृपा,
तकदीर का धनी वो नर है,

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