हर घडी भोले दिल में,
रहा कीजिये,
चरणों में प्रभु जी,
जगह दीजिये,
हर घड़ी भोले दिल में,
रहा कीजिये ॥
जो भी शरण में आया तुम्हारी,
उसको प्रभु जी निभाया,
जो भी शरण में आया तुम्हारी,
उसको प्रभु जी निभाया,
मुझको भी निभाना,
वचन दीजिये,
हर घड़ी भोले दिल में,
रहा कीजिये ॥
मुझे क्या पता है हे मेरे मालिक,
कैसे भला हो हमारा,
मुझे क्या पता है हे मेरे मालिक,
कैसे भला हो हमारा,
जो भी आप चाहे वही कीजिये,
हर घड़ी भोले दिल में,
रहा कीजिये ॥
जो भी किया है कैसे बताऊँ,
बताने के लायक नहीं है,
जो भी किया है कैसे बताऊँ,
बताने के लायक नहीं है,
बालक हूँ तुम्हारा क्षमा कीजिये,
हर घड़ी भोले दिल में,
रहा कीजिये ॥
‘बनवारी’ मेरी कोशिश यही है,
तुमको मैं अपना बना लूँ,
‘बनवारी’ मेरी कोशिश यही है,
तुमको मैं अपना बना लूँ,
कोशिश ये हमारी सफल कीजिये,
हर घड़ी भोले दिल में,
रहा कीजिये ॥
हर घडी भोले दिल में,
रहा कीजिये,
चरणों में प्रभु जी,
जगह दीजिये,
हर घड़ी भोले दिल में,
रहा कीजिये ॥
बसंत पंचमी का दिन विद्या की देवी माता सरस्वती की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है। हर वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है और विधि-विधान से माता सरस्वती की पूजा की जाती है।
फरवरी का महीना धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस महीने में फाल्गुन माह की शुरुआत होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, फरवरी 2025 में कई प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे।
हिंदू धर्म में मां शबरी का नाम बहुत ही आदर और सम्मान के साथ लिया जाता है। वह भगवान राम की परम भक्त थीं और उनके जीवन की कहानी हमें कई महत्वपूर्ण सीख देती है।
महाकुंभ जो कि दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है इस बार बसंत पंचमी पर विशेष रूप से खास होने वाला है। इस दिन महाकुंभ में तीसरा अमृत स्नान होना तय हुआ है जो कि त्रिवेणी संगम में होगा।