हाजीपुर केलवा महँग भेल हे धनिया
छोड़ी देहु आहे धनि छठी रे वरतिया
हाजीपुर नारियल महँग भेल हे धनिया
छोड़ी देहु आहे धनि छठी रे वरतिया
हम कैसे छोड़ब प्रभु छठी रे वरतिया
हम कैसे छोड़ब प्रभु छठी रे वरतिया
छठी रे वरतिया मोरा प्राण के अधरबा
छठी रे वरतिया मोरा प्राण के अधरबा
छठी रे वरतिया मोरा अवध सेनोरबा
छठी रे वरतिया मोरा अवध सेनोरबा
दउरा गोल सुपवा महँग भेल हे धनिया
कोरवा गेहुंअवा महँग भेल हे धनिया
छोड़ी देहु आहे धनि छठी रे वरतिया
हम नहीं छोड़ब प्रभु छठी रे वरतिया
छठिया करइते बढ़ल कुल परिबरवा
छठी रे वरतिया मोरा प्राण के अधरबा
हम कैसे छोड़ब प्रभु छठी रे वरतिया
छठी रे वरतिया देल गोदी के बलकबा
अन धन लक्ष्मी बढ़ल नैहर ससुरवा
हाजीपुर केलवा महँग भेल हे धनिया
छोड़ी देहु आहे धनि छठी रे वरतिया
हम नहीं छोड़ब प्रभु छठी रे वरतिया
सावन मास के प्रत्येक मंगलवार को रखा जाने वाला मंगला गौरी व्रत विवाहित महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। यह व्रत देवी पार्वती के गौरी स्वरूप को समर्पित होता है, जो स्त्री जीवन में अखंड सौभाग्य, सुख-शांति और दांपत्य प्रेम की प्रतीक मानी जाती हैं।
हिंदू धर्म में मंगला गौरी व्रत का विशेष महत्व होता है। यह व्रत मुख्य रूप से सुहागिन स्त्रियों द्वारा अपने पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन की मंगलकामना के लिए रखा जाता है।
सावन का महीना हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। यह पूरा महीना भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित होता है। इसी मास के मंगलवार को रखा जाने वाला मंगला गौरी व्रत विशेष रूप से महिलाओं के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है।
श्रावण मास यानी भगवान शिव की भक्ति का सबसे पवित्र महीना। हर सोमवार को लाखों श्रद्धालु उपवास रखकर शिवलिंग पर जल, बेलपत्र और दूध अर्पित करते हैं। लेकिन 2025 में सावन सोमवार व्रत की तिथियां पूरे देश में एक जैसी नहीं होंगी।