है सहारा अब मुझे तो, राम सकल गुणधाम का (Hai Sahara Ab Mujhe To Ram Sakal Gundham Ka)

हो के नाचूं अब दिवाना,

मैं प्रभु श्रीराम का,

है सहारा अब मुझे तो,

राम सकल गुणधाम का,

है सहारा अब मुझें तो,

राम सकल गुणधाम का ॥


कुटिया को पावन कर डाली,

शबरी के घर जाय के,

धन्य शबरी को कर डाली,

बैर झूठे खाय के,

अपने घर प्रभू को बुलाया,

नाम जप कर राम का,

है सहारा अब मुझें तो,

राम सकल गुणधाम का ॥


तारी जैसे गौतम नारी,

एक ठोकर मार के,

मेरी भी किस्मत जगादो,

एक ठोकर मार के,

एक वर दे दो प्रभू जी,

मुझको भक्ति दान का,

है सहारा अब मुझें तो,

राम सकल गुणधाम का ॥


तुमने लाखों को है तारा,

मुझपे भी कर दो दया,

मैं हूं एक बालक छोटा सा,

शरण तुम्हारी आ गया,

‘शिव’ के घट में भी जलादो,

एक दीपक ज्ञान का,

है सहारा अब मुझें तो,

राम सकल गुणधाम का ॥


हो के नाचूं अब दिवाना,

मैं प्रभु श्रीराम का,

है सहारा अब मुझे तो,

राम सकल गुणधाम का,

है सहारा अब मुझें तो,

राम सकल गुणधाम का ॥

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सज धज बैठ्या दादीजी, लुन राई वारा (Saj Dhaj Baithya Dadi Ji Lunrai Vara)

सज धज बैठ्या दादीजी,
लुन राई वारा,

बस इतनी तमन्ना है, श्याम तुम्हे देखूं (Bas Itni Tamanna Hai Shyam Tumhe Dekhun)

बस इतनी तमन्ना है,
बस इतनी तमन्ना है,

कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान कब करें

धार्मिक मान्यता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान करने और उचित दान-पुण्य करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त होता है।

श्री धन्वन्तरि जी की आरती (Shri Dhanvantari Ji Ki Aarti)

जय धन्वन्तरि देवा, जय धन्वन्तरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा॥

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