है हारें का सहारा श्याम (Hai Haare Ka Sahara Shyam)

है हारे का सहारा श्याम,

लखदातार है तू ॥


दोहा – कलयुग के सच्चे देव तुम्ही,

साँचा तेरा दरबार,

भक्तों का बेड़ा पार करे,

मेरा श्याम धणी सरकार ॥


है हारे का सहारा श्याम,

लखदातार है तू,

है तीन बाण धारी,

है तीन बाण धारी,

लीले सवार तू,

हैं हारे का सहारा श्याम,

लखदातार है तू ॥


पांडवो के कुल में तुमने,

जन्म ले लिया,

श्री कृष्णा को शीश का,

दान दे दिया,

वीर बर्बरीक बना श्री श्याम,

तू सरकार है,

हैं हारे का सहारा श्याम,

लखदातार है तू,

है तीन बाण धारी,

है तीन बाण धारी,

लीले सवार तू ॥


अहिलवती के लाल तूने,

कमाल कर दिया,

जो भी शरण में आया,

मालामाल कर दिया,

हारे का तू सहारा,

सुनता पुकार है,

हैं हारे का सहारा श्याम,

लखदातार है तू,

है तीन बाण धारी,

है तीन बाण धारी,

लीले सवार तू ॥


घर घर में तेरी चर्चा,

तेरी ऊंची शान है,

कलयुग में खाटू वाला,

जग में महान है,

दिल में बिठाके ‘दिलबर’,

को निहारता रहूं,

हैं हारे का सहारा श्याम,

लखदातार है तू,

है तीन बाण धारी,

है तीन बाण धारी,

लीले सवार तू ॥


है हारें का सहारा श्याम,

लखदातार है तू,

है तीन बाण धारी,

है तीन बाण धारी,

लीले सवार तू,

हैं हारे का सहारा श्याम,

लखदातार है तू ॥

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