गुरु शिव को बना लीजिए (Guru Shiv Ko Bana Lijiye)

गुरु शिव को बना लीजिए,

भक्ति से घर सजा लीजिये ॥


कर नहीं है तो लाचार है,

है तो ताली बजा दीजिये ।

गुरु शिव को बना लीजिये,

भक्ति से घर सजा लीजिये ॥


गुरु सेवा से ही ज्ञान का,

ज्योति दिल में जला लीजिये ।

गुरु शिव को बना लीजिये,

भक्ति से घर सजा लीजिये ॥


शिष्य बनने से जो कुछ मिला,

दुसरो को बता दीजिए ।

गुरु शिव को बना लीजिये,

भक्ति से घर सजा लीजिये ॥


गुरु शिव से न अच्छे कोई,

अगर हो तो बता दीजिए ।

गुरु शिव को बना लीजिये,

भक्ति से घर सजा लीजिये ॥


कर नहीं है तो लाचार है,

है तो ताली बजा दीजिये ।

गुरु शिव को बना लीजिये,

भक्ति से घर सजा लीजिये ॥


गुरु शिव को बना लीजिए,

भक्ति से घर सजा लीजिये ॥

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सांवरे को दिल में बसा के तो देखो(Sanware Ko Dil Me Basa Kar To Dekho)

कर्ता करे ना कर सके,
पर गुरु किए सब होये ।

लोरी सुनाए गौरा मैया(Lori Sunaye Gaura Maiya)

लोरी सुनाए गौरा मैया,
झूला झूले गजानंद,

सुनलो बाबा बजरंगी, मैं कैसे तुझे रिझाऊं (Sunlo Baba Bajrangi Main Kaise Tujhe Rijhaun)

सुनलो बाबा बजरंगी,
मैं कैसे तुझे रिझाऊं,

शबरी जंयती की पूजा विधि

शबरी जयंती सनातन धर्म में महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। हर साल माता शबरी के जन्मोत्सव के रूप में शबरी जयंती मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, शबरी जयंती फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है।

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