करलो तैयारी स्वागत की,
गोविंदा आने वाला है,
गोविंदा आने वाला हैं,
गोपाला आने वाला है,
करलो तैयारी स्वागत की,
गोविंदा आने वाला हैं ॥
फूलों से गलियां सजवाओ,
मटके में माखन भरवाओ,
ग्वालो बालों को संग लाकर,
वो रास रचाने वाला है,
करलो तैयारी स्वागत की,
गोविंदा आने वाला हैं ॥
छलिया ऐसा चितचोर कहाँ,
इसके जैसा कोई और कहाँ,
अधरों पर रखकर मुरली की,
कोई तान सुनाने वाला है,
करलो तैयारी स्वागत की,
गोविंदा आने वाला हैं ॥
वो नटवर नागर गिरधारी,
सूरत पे जाऊं बलिहारी,
‘वैभव’ बेरंगी दुनिया में,
वो रंग जमाने वाला है,
करलो तैयारी स्वागत की,
गोविंदा आने वाला हैं ॥
करलो तैयारी स्वागत की,
गोविंदा आने वाला है,
गोविंदा आने वाला हैं,
गोपाला आने वाला है,
करलो तैयारी स्वागत की,
गोविंदा आने वाला हैं ॥
हिंदू पंचांग के अनुसार, उगादि पर्व चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। इसे हिन्दू नववर्ष का पहला दिन माना जाता है। इसलिए इसकी तिथि और मुहूर्त जानना बहुत जरूरी होता है।
उगादि दक्षिण भारत में एक महत्वपूर्ण नववर्ष उत्सव होता है। "उगादि" शब्द संस्कृत के "युग" अर्थात् "युग की शुरुआत" और "आदि" अर्थात् "आरंभ" से मिलकर बना है, जिसका अर्थ होता है नए युग का आरंभ।
सनातन धर्म में गुड़ी पड़वा त्योहार का विशेष महत्व है। इस त्योहार को चैत्र के महीने में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है, और इस तिथि से चैत्र नवरात्र शुरू होता है। इसके साथ ही हिंदू नववर्ष की भी शुरुआत होती है।
गुड़ी पड़वा मुख्य रूप से चैत्र माह में नवरात्रि की प्रतिपदा के दिन मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार इसी दिन से नववर्ष की शुरुआत भी होती है। इस साल गुड़ी पड़वा 30 मार्च, रविवार को मनाई जाएगी और इसी दिन चैत्र नवरात्रि भी शुरू होगी।