गोबिंद चले चरावन गैया ।
दिनो है रिषि आजु भलौ दिन,
कह्यौ है जसोदा मैया ॥
उबटि न्हवाइ बसन भुषन,
सजि बिप्रनि देत बधैया ।
करि सिर तिलकु आरती बारति,
फ़ुनि-फ़ुनि लेति बलैया ॥
’चतुर्भुजदास’ छाक छीके सजि,
सखिन सहित बलभैया ।
गिरिधर गवनत देखि अंक भर,
मुख चूम्यो व्रजरैया ॥
डम डम डम डमरू वाला,
शिव मेरा भोला भाला,
दर्शन कर लो रे भक्तो,
मेहंदीपुर धाम का,
दर्शन की प्यासी नजरिया,
मैया लीजे खबरिया ॥
दर्शन को अखियाँ प्यासी है,
कब दर्शन होगा श्याम धणी,