गिरिजा के छैया, गणपति तुम्हे पुकारूँ (Girija Ke Chheya Ganpati Tumhe Pukaru )

गिरिजा के छैया,

गणपति तुम्हे पुकारूँ,

पूजूं मैं तुम्हे,

आरती तेरी उतारूँ,

गिरिजा के छैंया ॥


पान फूल मेवा से,

चरणों की सेवा से,

प्रथम तुम्हे पूजूं,

मैं छवि चित धारण,

गिरिजा के छैंया,

गणपति तुम्हे पुकारूँ,

गिरिजा के छैंया ॥


देव दुष्ट हन्ता हो,

जगत के नियंता हो,

शरण आऊं आपकी,

मैं पइयाँ पखारूँ,

गिरिजा के छैंया,

गणपति तुम्हे पुकारूँ,

गिरिजा के छैंया ॥


रिद्धि सिद्धि दाता हो,

ज्ञान के विधाता हो,

हर लो दुःख देवा,

आशा से तुम्हे निहारूं,

गिरिजा के छैंया,

गणपति तुम्हे पुकारूँ,

गिरिजा के छैंया ॥


गिरिजा के छैया,

गणपति तुम्हे पुकारूँ,

पूजूं मैं तुम्हे,

आरती तेरी उतारूँ,

गिरिजा के छैंया ॥

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श्री परशुराम जी की आरती (Shri Parshuram Ji Ki Aarti)

ॐ जय परशुधारी, स्वामी जय परशुधारी।
सुर नर मुनिजन सेवत, श्रीपति अवतारी॥

सकट चौथ पूजा विधि

हिंदू धर्म में सकट चौथ का व्रत अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत भगवान गणेश और सकट माता की पूजा-अर्चना के लिए प्रसिद्ध है। इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और उनके जीवन में आने वाले संकटों को दूर करने के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।

श्रीरामरक्षास्तोत्रम् (Shriramarakshastotram)

अस्य श्रीरामरक्षास्तोत्रमन्त्रस्य बुधकौशिक ऋषि: श्रीसीतारामचन्द्रो देवता अनुष्टुप् छन्द: सीता शक्ति: श्रीमद्हनुमान् कीलकम् श्रीसीतारामचन्द्रप्रीत्यर्थे रामरक्षास्तोत्रजपे विनियोग:॥

मैं भोला पर्वत का - शिव भजन (Main Bhola Parvat Ka)

मैं भोला पर्वत का
रै तू राणी महला की

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