गिरा जा रहा हूँ, उठा लो उठा लो(Gira Ja Raha Hu Utha Lo)

प्रभु अपने दर से, अब तो ना टालो,

गिरा जा रहा हूँ, उठा लो उठा लो,

प्रभु अपने दर से, अब तो ना टालो,

गिरा जा रहा हूँ, उठा लो उठा लो,


खाली ना जाता कोई दर से तुम्हारे,

द्वारे खड़ा हूँ नन्ही बाहें पसारे,

चरणों की सेवा में, लगा लो लगा लो

गिरा जा रहा हूँ, उठा लो उठा लो,

प्रभु अपने दर से, अब तो ना टालों,

गिरा जा रहा हूँ, उठा लो उठा लो ।

प्रभु अपने दर से..


नहीं टूट पायेगा, दुनियाँ का बंधन,

जब तक कृपा ना होगी तेरी रघुनंदन,

कदम लड़खड़ाए हैं, संभालो संभालो

गिरा जा रहा हूँ, उठा लो उठा लो,

प्रभु अपने दर से, अब तो ना टालों,

गिरा जा रहा हूँ, उठा लो उठा लो ।

प्रभु अपने दर से..


अगर था हटाना तो फिर क्यों बुलाया,

सोते ही रहने देते काहे जगाया,

अब जब जगाया तो अपना बना लो,

गिरा जा रहा हूँ, उठा लो उठा लो,

प्रभु अपने दर से, अब तो ना टालों,

गिरा जा रहा हूँ, उठा लो उठा लो ।

प्रभु अपने दर से..


बंधन प्रताप सारे टूट चुके हैं,

जितने सहारे थे छूट चुके हैं,

अवसर मिला है अपना वादा निभा लो,

गिरा जा रहा हूँ, उठा लो उठा लो,

प्रभु अपने दर से, अब तो ना टालों,

गिरा जा रहा हूँ, उठा लो उठा लो ।

प्रभु अपने दर से..


प्रभु अपने दर से, अब तो ना टालों,

गिरा जा रहा हूँ, उठा लो उठा लो,

प्रभु अपने दर से, अब तो ना टालों,

गिरा जा रहा हूँ, उठा लो उठा लो,

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कीर्तन है वीर बजरंग का(Kirtan Hai Veer Bajrang Ka)

कीर्तन है वीर बजरंग का,
नच नच कर इनको मना,

रम गयी माँ मेरे रोम रोम में (Ram Gayi Maa Mere Rom Rom Main)

रम गयी माँ मेरे रोम रोम में,
रम गयी माँ मेरे रोम रोम में

मिलता है सच्चा सुख केवल भगवान(Milta Hai Sachha Sukh Keval Bhagwan Tere Charno Me)

मिलता है सच्चा सुख केवल भगवान् तुम्हारे चरणों में ।
यह विनती है पल पल छिन की, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में ॥

Anant Chaturdashi 2024: अनंत चतुर्दशी, तिथि, व्रत, कथा

अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं, पूजा-पाठ करते हैं और भगवान विष्णु को भोग लगाते हैं।

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