गणपति देवा मेरे गणपति देवा (Ganpati Deva Mere Ganpati Deva)

गणपति देवा मेरे गणपति देवा,

माता तेरी पार्वती,

माता तेरी पार्वती,

पिता महादेवा,

गणपति देवा मेरे गणपति देवा ॥


विघ्न हरण देवा तू कहलाता,

सिद्ध कारज होंवे उसके,

प्रथम जो भी ध्याता,

चरणों में आए हम करने तेरी सेवा,

गणपति देवा मेरे गणपति देवा ॥


देवों में देव प्रभु तू है निराला,

शिव का दुलारा तू है गौरा जी का लाला,

भोग है प्रिय तुम्हें,

मोदक मेवा,

गणपति देवा मेरे गणपति देवा ॥


रिद्धि सिद्धि संग मेरे घर में पधारो,

चरणों की दासी ’भाषा’ काज संवारो,

हर दिन हर पल बप्पा करें तेरी सेवा,

गणपति देवा मेरे गणपति देवा ॥


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छठ पूजा: कांच ही बांस के बहंगिया (Chhath Puja: Kanch Hi Bans Ke Bahangiya)

कांच ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकत जाय

आईं महादेवी अवतार, भवानी मोरे अंगना में (Aayi Mahadevi Avtar, Bhawani More Angna Main)

आयी महादेवी अवतार,
भवानी मोरे अंगना में ॥

दिवाली व्रत कथा (Diwali Vrat Katha)

एक समय की बात है एक जंगल में एक साहूकार रहता था। उसकी बेटी प्रतिदिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाती थी। जिस पीपल के पेड़ पर वो जल चढ़ाती थी उस पर पर मां लक्ष्मी का वास था।

देव है ये भोले भक्तो का, खुद भी भोला भाला (Dev Hai Ye Bhole Bhakto Ka Khud Bhi Bhola Bhala)

देव है ये भोले भक्तो का,
खुद भी भोला भाला,

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