गंगा के खड़े किनारे, भगवान् मांग रहे नैया (Ganga Ke Khade Kinare Bhagwan Mang Rahe Naiya)

गंगा के खड़े किनारे

भगवान् मांग रहे नैया

भगवान् मांग रहे नैया

श्री राम मांग रहे नैया


तुम कोन देश से आये,

और कोन देश है जाना

तुम किसके राज दुलारे,

भगवान् मांग रहे नैया


हम अवधपुरी से आये,

और चित्रकूट है जाना

दसरथ के राज दुलारे,

भगवान् मांग रहे नैया


पहले तो राम जी बेठे

फिर बेठी सीता मैया

पीछे से लक्ष्मण भइया

भगवान् मांग रहे नैया


केवट ने नाव चलाई

जब बीच भंवर में आई

जय बोलो गंगा मैया

पहले तो राम जी उतरे


फिर उतरी सीता मैया

पीछे से लक्ष्मण भइया

भगवान् मांग रहे नैया

लक्ष्मण ने कुटियाँ बनाई


फूलों से खूब सजाई

प्रभु रहने को तैयार

भगवान् मांग रहे नैया


प्रभु चितरकुत में रहते,

ऋषियों को ज्ञान सुनाते


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अंजनी के लाला पे, भरोसा जो होगा (Anjani Ke Lala Pe Bharosa Jo Hoga)

अंजनी के लाला पे,
भरोसा जो होगा,

भर दे सभी की झोली, मेहंदीपुर वाले बाला (Bharde Sabhi Ki Jholi Mehndipur Wale Bala)

भर दे सभी की झोली,
मेहंदीपुर वाले बाला,

रविवार के व्रत कथा (Ravivaar Ke Vrat Katha)

रविवार व्रत की पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन काल में एक बुढ़िया रहती थी। वह नियमित रूप से रविवार का व्रत करती।

ऐ री मैं तो प्रेम दिवानी (Ae Ri Main To Prem Diwani)

ऐ री मैं तो प्रेम-दिवानी,
मेरो दर्द न जाणै कोय ।

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