गजरा गिर गया जमुना जल में(Gajara Gir Gaya Jamuna Jal Me)

जमुना के तट पर,

मारी नजरिया ऐसी सांवरिया ने,

घायल हो गई पल में,

गजरा गिर गया जमुना जल में,

की गजरा गिर गया जमुना जल में ॥

लेने गगरिया गई थी बजरिया,

बजरिया में मिल गया वो,

बांके सांवरिया,

गगरी मेरी छीन के उसने,

बईया मरोड़ी,

बईया यूँ मरोड़ के पूछे,

क्या मर्जी है तेरी,

फिर ऐसे मैं शरमाई,

निकला वो तो हरजाई,

चली गई एक पल में,

की गजरा गिर गया जमुना जल में ॥


प्रीत में उसके ऐसे खोयी,

ना में जागी ना में सोई,

मेरा आँचल पायल काजल,

तीनो कर गया घायल,

थर थर कांपे मेरी काया,

डोल रहा मन पागल,

फिर काटे कटे ना वो रैना,

बेरी छीन के ले गयो चैना,

चली गई एक पल में,

की गजरा गिर गया जमुना जल में ॥


जमुना के तट पर,

मारी नजरिया ऐसी सांवरिया ने,

घायल हो गई पल में,

गजरा गिर गया जमुना जल में,

की गजरा गिर गया जमुना जल में ॥

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इक दिन वो भोले भंडारी बन करके ब्रज की नारी(Ik Din Vo Bhole Bhandari Banke Braj Ki Nari)

इक दिन वो भोले भंडारी
बन करके ब्रज की नारी,

महिमा भोलेनाथ की सुनाएंगे (Mahima Bholenath Ki Sunayenge)

जय जय नमामि शंकर,
गिरिजापति नमामि शंकर,

तकदीर मुझे ले चल, मैय्या जी की बस्ती में

दरबार में हर रंग के दीवाने मिलेंगे,
( दरबार में हर रंग के दीवाने मिलेंगे,)

सोमवती अमावस्या व्रत कथा

अमावस्या का हिंदू धर्म में खास महत्व होता है। सोमवार को पड़ने की वजह से इस अमावस्या को सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दौरान पितरों की पूजा होती है। दिसंबर माह में सोमवती अमावस्या सोमवार, 30 दिसंबर 2024 को है।

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