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गजानंद मैहर करो(Gajanand Mehar Karo)

गजानंद मैहर करो(Gajanand Mehar Karo)

ओ गणनायक महाराज सुमिरा जोडू दोनों हाथ,

ओ गणनायक महाराज,

सुमिरा जोडू दोनों हाथ,

गजानंद मैहर करो,

गजानन मैहर करो ॥

एकदंत है दयावंत है,

चारो भुजाओ वाले,

एकदंत है दयावंत है,

चारो भुजाओ वाले,

लम्बोदर रिद्धि सिद्धि दाता,

विघ्न मिटाने वाले,

लम्बोदर रिद्धि सिद्धि दाता,

विघ्न मिटाने वाले,

लाये मोदक भर भर थाल,

जिमो शिव गौरी के लाल,

गजानन मैहर करो,

गजानन मैहर करो ॥


गणपति बाप्पा मोरेया मंगल मूर्ति मोरेया ॥

अद्भुत तेरा रूप गजानन,

अद्भुत तेरी माया,

अद्भुत तेरा रूप गजानन,

अद्भुत तेरी माया,

मात पिता की सेवा कर,

वरदान अनोखा पाया,

मात पिता की सेवा कर,

वरदान अनोखा पाया,

बन गए देवो में सिरमौर,

तुझ बिन मिले ना कोई ठौर,

गजानंद मैहर करो, गजानन मैहर करो ॥


गणपति बाप्पा मोरेया मंगल मूर्ति मोरेया ॥

अगर किसी ने भूल आपको,

कारज कोई बनाया,

अगर किसी ने भूल आपको,

कारज कोई बनाया,

विघ्न हुए कारज सब अटके,

कोई काम ना आया,

विघ्न हुए कारज सब अटके,

कोई काम ना आया,

तुमसे हार गया संसार,

तेरी महिमा अपरंपार,

गजानंद मैहर करो,

गजानन मैहर करो।।


गणपति बाप्पा मोरेया मंगल मूर्ति मोरेया ॥

नंदू मिलकर भक्त श्याम का,

तुमको प्रथम मनाये,

नंदू मिलकर भक्त श्याम का,

तुमको प्रथम मनाये,

बरसे रंग कृपा का तेरा,

जब हम श्याम रिझाये,

बरसे रंग कृपा का तेरा,

जब हम श्याम रिझाये,

वंदन तेरा हे गणराज,

रखना श्याम भक्त की लाज,

गजानंद मैहर करो, गजानन मैहर करो ॥


ओ गणनायक महाराज,

सुमिरा जोडू दोनों हाथ,

गजानंद मैहर करो,

गजानन मैहर करो ॥

गणपति बाप्पा मोरेया मंगल मूर्ति मोरेया ॥

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इतनी किरपा कीजिये, सालासर हनुमान(Itni Kripa Kijiye Salasar Hanuman)

इतनी किरपा कीजिये
सालासर हनुमान,

वैदिक मंत्र जाप के लाभ क्या है?

ईश्वर को पाने और उनसे जुड़ने का सबसे सरल और प्रभावी माध्यम मंत्र होता है। हर मंत्र अपने अंदर दिव्य और आध्यात्मिक ऊर्जा समेटे हुए होता है, जो व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाता है।

सात्विक मंत्र के क्या लाभ है?

सात्विक मंत्रों का जाप हमारे जीवन को सकारात्मकता और शांति से भर सकता है। ये मंत्र न केवल आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होते हैं, बल्कि मन की अशांति और नकारात्मक विचारों को भी दूर करते हैं।

नवंबर में इस दिन रखा जाएगा प्रदोष व्रत

प्रदोष व्रत एक महत्वपूर्ण हिंदू व्रत है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भक्त भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं और उनके निमित्त प्रदोष व्रत रखते हैं।

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