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फागुन की रुत फिर से आई, खाटू नगरी चालो (Fagun Ki Rut Phir Se Aayi Khatu Nagri Chalo)

फागुन की रुत फिर से आई, खाटू नगरी चालो (Fagun Ki Rut Phir Se Aayi Khatu Nagri Chalo)

फागुन की रुत फिर से आई,

खाटू नगरी चालो,

श्याम निशान उठालो,

श्याम कुंड के पावन जल में,

चलके डुबकी लगालो,

श्याम निशान उठालो ॥


गाँव-गाँव और शहर-शहर से,

तेरी प्रेमी जाते,

लाखों-लाखों रंग-बिरंगे,

श्याम ध्वजा लहराते,

श्याम का जयकारा करते,

करते खाटू को चालो,

श्याम निशान उठालो ॥


श्याम हवेली तक रींगस से,

लंबी लगी कतारें,

फागुन मेला आया भक्तों,

बाबा हमे पुकारे,

लड्डू-मेवे और इत्र का,

भोग श्याम को चढालो,

श्याम निशान उठालो ॥


ये मौका बड़भागी उठावे,

खाटू नगरी जावे,

सांवरिये का दर्शन करके,

माल-खजाना पावे,

अब भी समय है टिकट करा लो,

भाग्य ‘कुणाल’ जगालो ॥


फागुन की रुत फिर से आई,

खाटू नगरी चालो,

श्याम निशान उठालो,

श्याम कुंड के पावन जल में,

चलके डुबकी लगालो,

श्याम निशान उठालो ॥

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शुक्र की चाल से 3 राशियों को लाभ

इस साल की चैत्र नवरात्रि बहुत ही खास होने वाली है, क्योंकि इस साल शुक्र और बृहस्पति का खास संयोग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, धन और भोग विलास के प्रतीक शुक्र, अपने प्रतिकूल गुरु बृहस्पति के नक्षत्र "पूर्वाभाद्रपद" में प्रवेश करने वाले हैं।

नवरात्रि में खास संयोग से धन लाभ

हर साल चैत्र नवरात्रि बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है। मगर साल 2025 की चैत्र नवरात्रि बहुत ही खास है क्योंकि इस अवसर पर तीन महत्वपूर्ण शुभ संयोग बनने वाले हैं।

नवरात्रि से एक दिन पहले सूर्य सूर्यग्रहण

इस साल चैत्र नवरात्रि के एक दिन पहले, 29 मार्च को सूर्य ग्रहण लग रहा है, जो साल का पहला सूर्य ग्रहण है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण से कई राशियों में भी बदलाव देखने को मिलता है।

नवरात्रि में खान-पान के नियम

नवरात्रि भारत में बहुत श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह पर्व मां दुर्गा की आराधना के लिए समर्पित है, और इस दौरान लोग व्रत रखते हैं। व्रत का उद्देश्य केवल भूखा रहना नहीं, बल्कि शरीर और मन की शुद्धि भी होता है।

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