दूल्हा बने भोलेनाथ जी हमारे(Dulha Bane Bholenath Ji Hamare)

दूल्हा बने भोलेनाथ जी हमारे,

चली बारात गौरा जी के द्वारे,

इस दूल्हे पे जग है दीवाना, दीवाना,

दूल्हा बने भोलेंनाथ जी हमारे,

चली बारात गौरा जी के द्वारे ॥


ना है रत्न आभूषण तन पे,

बलिहारी जाऊं भोलेपन पे,

चमके माथे पर चंदा,

आए शुभ दिन ये शिव की लगन के,

डाले सर्पो के हार,

कैसा अजब श्रृंगार,

ऐसा बन्ना किसी ने देखा ना, देखा ना,

दूल्हा बने भोलेंनाथ जी हमारे,

चली बारात गौरा जी के द्वारे ॥


लम्बी लम्बी जटाओ का सेहरा,

कैसा प्यारा विवाह का नजारा,

ध्वनि शंख नाद ही गूंजे,

संग चले गणो का पहरा,

होके नंदी पे सवार,

चले हिमाचल के द्वार,

हुआ रोशन ये तब ही जग सारा,

दूल्हा बने भोलेंनाथ जी हमारे,

चली बारात गौरा जी के द्वारे ॥


चले होके विदा जो बाराती,

गौरा को माँ समझाती,

जा बेटी सुखी तू रहना,

रहे अमर सुहाग की जोड़ी,

है बाराती बेशुमार,

दिए सबको उपहार,

झूमे गण सारे पाके नजराना,

दूल्हा बने भोलेंनाथ जी हमारे,

चली बारात गौरा जी के द्वारे ॥


दूल्हा बने भोलेनाथ जी हमारे,

चली बारात गौरा जी के द्वारे,

इस दूल्हे पे जग है दीवाना, दीवाना,

दूल्हा बने भोलेंनाथ जी हमारे,

चली बारात गौरा जी के द्वारे ॥

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गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa)

गुड़ी पड़वा हिंदू धर्म में एक विशेष स्थान रखता है। ऐसा माना जाता है कि गुड़ी को घर पर फहराने से घर से नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं और जीवन में सौभाग्य और समृद्धि आती है।

बाँधा था द्रौपदी ने तुम्हे (Bandha Tha Draupadi Ne Tumhe Char Taar Main)

बाँधा था द्रौपदी ने तुम्हे,
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भोले तेरे चरणों की (Bhole Tere Charno Ki)

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दर्श करा दे मेरे सांवरे, म्हारे नैना हुए बावरे(Darsh Kara De Mere Sanware Mhare Naina Huye Baware)

दर्श करा दे मेरे सांवरे,
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