दिन जिंदगी के चार,
चाहे कम देना,
मुझे खाटू में अगला,
जनम देना,
तेरी चौखट पे,
जनम मरण देना,
मुझे खाटू में अगला,
जनम देना ॥
तेरे दरबार की,
मैं करूँ चाकरी,
दर पे भजनो से,
लगती रहे हाजरी,
मेरी अर्जी में,
थोड़ा वजन देना,
मुझे खाटू में अगला,
जनम देना ॥
एक पल ना बिसारु,
मैं बाबा तुझे,
सुख में दुःख में,
पुकारू प्रभु मैं तुझे,
मेरी वाणी में,
श्याम इतना दम देना,
मुझे खाटू में अगला,
जनम देना ॥
तेरे चरणों की रज,
सदा माथे धरूँ,
तेरी सेवा में,
तनमन समर्पित करूँ,
ऐसे अच्छे तू,
मुझको करम देना,
मुझे खाटू में अगला,
जनम देना ॥
जिंदगी का मेरे,
जब हो अंतिम सफर,
तेरे चरणों में,
रखा हो ‘रोमी’ का सर,
मेरे तन पे तेरे,
नाम का कफ़न देना,
मुझे खाटू में अगला,
जनम देना ॥
दिन जिंदगी के चार,
चाहे कम देना,
मुझे खाटू में अगला,
जनम देना,
तेरी चौखट पे,
जनम मरण देना,
मुझे खाटू में अगला,
जनम देना ॥
तृष्णा ना जाये मन से ॥
तेरे भवन के अजब नज़ारे,
तेरे गूँज रहे जयकारे,
जब संकट कोई आए,
तू ले मैया का नाम,
तू मेरा राखा, सबनी थाई
तां भौ के हा काढा जी,