दिल में श्री राम बसे हैं,
संग माता जानकी,
बैठा खड़ताल बजाए,
रघुवर के नाम की ॥
आठों पहर चौबीसों घंटे,
राम की महिमा गाए,
राम की महिमा गाए,
राम भजन की मस्ती में ये,
सुध सारी बिसराए,
सुध सारी बिसराए,
मणकों में राम नहीं वो,
माला किस काम की,
बैठा खड़ताल बजाए,
रघुवर के नाम की ॥
राम दीवाना राम प्रभु के,
अटके काज सँवारे,
अटके काज सँवारे,
संकट में ये दौड़ा आए,
सारे कष्ट निवारे,
सारे कष्ट निवारे,
सेवा में हाजिर रहता,
चौखट पे राम की,
बैठा खड़ताल बजाए,
रघुवर के नाम की ॥
राम लखन माँ सीता की जो,
जय जयकार लगाए,
जय जयकार लगाए,
‘हर्ष’ कहे वो वीर बलि की,
पल में किरपा पाए,
पल में किरपा पाए,
मिलके जयकार लगाओ,
अंजनी के लाल की,
बैठा खड़ताल बजाए,
रघुवर के नाम की ॥
दिल में श्री राम बसे हैं,
संग माता जानकी,
बैठा खड़ताल बजाए,
रघुवर के नाम की ॥
हमारे साथ श्री रघुनाथ तो
किस बात की चिंता ।
हमें गुरुदेव तेरा सहारा न मिलता ।
ये जीवन हमारा दुबारा न खिलता ॥
हमें निज धर्म पर चलना,
सिखाती रोज रामायण,
हमने आँगन नहीं बुहारा,
कैसे आयेंगे भगवान् ।