श्याम सलोनो प्यारो म्हारो, मैं लुल लुल जावा
मन को मोर्यो नाचन लाग्यो झूम झूम गावा ,
थारो दर्शन पाणे खातिर उड़ गयी आख्या श्यु निंदा
मत तरसावो बाबा श्याम आजा हिंडो हिंडा
दिखा दे थारी सुरतिया दिखा दे थारी सुरतिया
चान्दारुण की दचिण दिशा में बाबा आप बिराजो
उत्तर में शिवनाथ बिराजे शिवालय रे माहि
बिच बाज़ार में गणपति सोहे लडूवन भोग लगावे
फागन रा महिना में बाबा थारे मंदिर आवा
मेवा मिश्री सागे ल्यावा थारे भोग लगावा
भोले शंकर ने ल्यावो तो गांजो भांग मंगावा
लाल गुलाबी गुलाल उड़त है श्याम नगर के माहि
स्वर्ग से सुन्दर लागे म्हाने खाटू नगरी के माहि
रंग रंगीलो फागन आयो भक्ता के मन भायो
यु तो म्हारा खाटू नरेश ने बिगड़ी सब की बनाई
एक सहारा श्याम हमारा सूरत थारी बसाई
वेद व्यास की अर्जी सुन्ल्यो बेडो पार लगाद्यो
दीपावली का पर्व पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन बिहार और यूपी के गांवों में इसे मनाने का एक अनूठा तरीका है। यहां दीपावली की रात महिलाएं सूप पीटने की परंपरा निभाती हैं।
दिवाली भारत का सबसे प्रमुख त्योहार है। लेकिन इसे देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग परंपराओं के साथ मनाया जाता है। उत्तर भारत में यह भगवान राम की अयोध्या वापसी की खुशी में मनाई जाती है।
छठ पूजा की शुरुआत होने में बस कुछ ही दिन बाकी हैं। ये वो समय होता है जब हम सूर्य देव की खास उपासना करते हैं। वैसे तो छठ पर्व खुशहाली और परिवार के कल्याण के लिए मनाया जाता है।
दीवाली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा-उपासना कर उनसे धन-वैभव और सुख-शांति की कामना की जाती है।