देना हो तो दीजिए जनम जनम का साथ(Dena Ho To Dijiye Janam Janam Ka Sath)

देना हो तो दीजिए,

जनम जनम का साथ ।

अब तो कृपा कर दीजिए,

जनम जनम का साथ ।

मेरे सर पर रख बनवारी,

अपने दोनों यह हाथ ॥


देने वाले श्याम प्रभु से,

धन और दौलत क्या मांगे ।

श्याम प्रभु से मांगे तो फिर,

नाम और इज्ज़त क्या मांगे ।

मेरे जीवन में अब कर दे,

तू कृपा की बरसात ॥


देना हो तो दीजिए,

जनम जनम का साथ ॥


श्याम तेरे चरणों की धूलि,

धन दौलत से महंगी है ।

एक नज़र कृपा की बाबा,

नाम इज्ज़त से महंगी है ।

मेरे दिल की तम्मना यही है,

करूँ सेवा तेरी दिन रात ॥


देना हो तो दीजिए,

जनम जनम का साथ ॥


झुलस रहें है गम की धुप में,

प्यार की छईया कर दे तू ।

बिन माझी के नाव चले ना,

अब पतवार पकड़ ले तू ।

मेरा रास्ता रौशन कर दे,

छायी अन्धिआरी रात ॥


देना हो तो दीजिए,

जनम जनम का साथ ॥


सुना है हमने शरणागत को,

अपने गले लगाते हो ।

ऐसा हमने क्या माँगा जो,

देने से घबराते हो ।

चाहे जैसे रख बनवारी,

बस होती रहे मुलाक़ात ॥


देना हो तो दीजिए,

जनम जनम का साथ ॥


देने वाले श्याम प्रभु से,

धन और दौलत क्या मांगे ।

श्याम प्रभु से मांगे तो फिर,

नाम और इज्ज़त क्या मांगे ।

मेरे जीवन में अब कर दे,

तू कृपा की बरसात ॥

........................................................................................................
माँ की दुआ बड़ी है(Maa Ki Dua Badi Hai)

लाख बार गिर कर मैं,
हर बार उठा हूँ,

जया एकादशी व्रत नियम

प्रत्येक महीने में एकादशी दो बार आती है—एक बार कृष्ण पक्ष में और दूसरी बार शुक्ल पक्ष में। कृष्ण पक्ष की एकादशी पूर्णिमा के बाद आती है, जबकि शुक्ल पक्ष की एकादशी अमावस्या के बाद आती है।

नवरात्रि सम्पूर्ण पूजन विधि

नवरात्रि माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का पावन पर्व है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में इसे बड़े श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाया जाता है। एक वर्ष में चार बार नवरात्र आते हैं—चैत्र, आषाढ़, माघ और शारदीय नवरात्र।

सूर्य देव की आरती (Surya Dev Ki Aarti)

ऊँ जय सूर्य भगवान,
जय हो दिनकर भगवान।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने